पहली गोली हमारी नही होगी पर उसके बाद हम गोलियों की गिनती भी नही करेंगे..
पहली गोली हमारी नही होगी पर
उसके बाद
हम गोलियों की गिनती भी नही करेंगे – CDS जनरल विपिन रावत
एक दीर्घ काल के बाद सेना के शीर्ष पटल से यह भाषा देश ने सुनी थी!
कभी-कभी देश के पास संवेदना व्यक्त करने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं होते हैं ???
ईश महान वीरात्मा,समस्त बलिदानियों को मोक्ष दे, शत-शत नमन ? ??
आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की खासा जानकारी
सीडीएस बिपिन रावत अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर युद्ध और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की खासा जानकारी और अनुभव रखते थे। उन्होंने पूर्वी सैक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफेंट्री बटालियन की कमान संभाली। उन्होंने कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और एक इंफेंट्री डिविजन की कमान संभाली। जनरल रावत ने सेना मुख्यालय की सेना सचिव शाखा में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया।
हेलीकॉप्टर कितना भरोसेमंद?
वायुसेना का यह हेलीकॉप्टर एमआई सीरीज का था। इस Mi-17V5 हेलिकॉप्टर में दो इंजन होते हैं। यह वीआईपी चॉपर कहलाता है। वायुसेना लंबे समय से इसका इस्तेमाल करती आई है। जहां कहीं हवाई पट्टी नहीं होती, वहां पर वीआईपी मूवमेंट इसी हेलीकॉप्टर के जरिए होता है।
हादसा तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में हुआ। यह घने जंगलों वाला इलाका है, इसे ‘क्वीन ऑफ हिल स्टेशन’ भी कहते हैं। कोयंबटूर और सुलूर के बीच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सुलूर से इस हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी थी। वायुसेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।
सीडीएस जनरल रावत एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए वेलिंग्टन सशस्त्र बल कॉलेज में गए थे। वहीं से लौटकर कुन्नूर की तरफ आ रहे थे। उनकी पत्नी मधुलिका रावत, उनकी सुरक्षा में तैनात पांच कमांडो और निजी सुरक्षाकर्मी, एक ब्रिगेडियर और एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी हेलीकॉप्टर में सवार थे। सीडीएस को कुन्नूर पहुंचने के बाद दिल्ली रवाना होना था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम राजनेताओं ने सीडीएस रावत के निधन पर शोक जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ” मैं तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर दुर्घटना से बहुत दुखी हूं, जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को खो दिया है। उन्होंने पूरी लगन से भारत की सेवा की। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”