मूल कर्तव्यों का पालन निष्ठा से करने वाले को अधिकार बिना लड़ाई के स्वतः प्राप्त होते हैं..अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद कोरबा द्वारा संविधान दिवस पर परिचर्चा

पारिवारिक जीवन से लेकर सामाजिक व राजनीतिक के साथ जीवन के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में जो अपने दायित्वों, कर्तव्यों के प्रति सचेत रहते हैं, उन्हें अधिकार भी सर्वाधिक मिलते हैं। प्रशासनिक क्षेत्र में स्थानांतरण भी इसी दायित्व बोध का प्रतिफल होता है, जब लापरवाह लोगों को हटाया जाता है, इसके साथ ही अपने आसपास भी कर्तव्यनिष्ठ लोगों के प्रति विश्वास या उनकी लोकप्रियता के रूप में उदाहरण घटित होते दिखाई देते हैं।

अक्सर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकार और कर्तव्यों के मध्य अंतर को स्पष्ट करते हुए संवैधानिक कर्तव्यों के महत्त्व पर बल दिया है। प्राचीन काल से ही कर्तव्यों के निर्वहन पर जोर दिया गया है। भगवद्गीता और रामायण भी लोगों को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिये प्रेरित करती है, जैसा कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि व्यक्ति को “फल की अपेक्षा के बिना अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिये।”

भारतवर्ष में अपने अधिकारों के नाम पर मौलिक कर्तव्यों को ताक पर रखकर आंदोलन-प्रदर्शन के नाम पर राष्ट्र विरोधी कार्यों को प्रोत्साहित किया जाता है। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद्  ने इस दिशा में लोगों को जागरूक करने का प्रयास लगातार किया है।

इसी कड़ी में संविधान दिवस के अवसर पर प्रदेश कार्यकारिणी के निर्देश पर आज दिनांक 26/11/2021 को संविधान दिवस के रूप में मनाते हुए अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् कोरबा (छ.ग.) द्वारा संविधान के अनुच्छेद 51 (क) पर व्यापक चर्चा की गयी तथा मूल कर्तव्यों के प्रति प्रत्येक नागरिक को सजग होने तथा अपना दायित्व मानकर निष्ठापूर्वक निर्वहन करने का आग्रह किया गया है।

अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद कोरबा के पदाधिकारी अध्यक्ष राजकुमार अज्ञेय व जिला मंत्री अनीष कुमार सक्सेना द्वारा सर्वप्रथम मूल कर्तव्यों के संबंध में अधिवक्ता संघ कोरबा के सम्मानीय अधिवक्ता गण से चर्चा की गयी, जिसमें मूल कर्तव्यों के संबंध में उनके विचार जाने गये। उक्त परिचर्चा में अधिवक्ता गिरधर गोपाल, रविभगत,  उमेश सोनी,  सुयश बाग, कुमारी बसंती सौंधिया, श्रीमती ज्योति वर्मा आदि सम्मिलित हुए। तत्पश्चात शाम 4 बजे सरस्वती शिशु मंदिर सी.एस. ई. बी. कोरबा में संविधान दिवस पर मूल कर्तव्यों पर चर्चा कार्यक्रम उपरांत मूल कर्तव्यों के अनुसार पालन व आचरण की शपथ ली गयी, जिसमें परिषद् के अध्यक्ष राजकुमार अज्ञेय, संरक्षक मंगलचंद देवांगन, स्टडी सर्कल प्रमुख  रमेश यादव, सह मंत्री  लक्ष्मण पटेल, रामवल्लभ पांडे, कार्यकारिणी सदस्य दौलत राम सारथी, उपाध्यक्ष श्रीराम श्रीवास,  जय प्रकाश गिलहरे, संरक्षक मनोज राठौर तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित सम्मलित हुए।

कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री अनीष कुमार सक्सेना द्वारा किया गया। परिषद् के अध्यक्ष राजकुमार अज्ञेय द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि प्रत्येक व्यक्ति अपने मौलिक अधिकारों के प्रति सजग है किंतु मूल कर्तव्यों के प्रति अपने दायित्वों से विमुख है, यदि देश का प्रत्येक नागरिक संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों का पालन ईमानदारी व निष्ठा से करे तो मौलिक अधिकारों के प्रति लड़ने की कोई आवश्यकता ही नहीं होगी।

 

 

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