क्या सत्ताधारी दल को रोहिणी आयोग की रपट का कार्यान्वयन मौजूदा संकट से उबार सकता है ?  –सुरेंद्र किशोर–

मुकेश अंबानी मनमोहन सिंह के शासन काल में भी सबसे अमीर भारतीय थे। वे नरेंद्र मोदी के राज में भी सबसे अमीर भारतीय हैं।
                (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
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यदि 23 फसलों के लिए न्यूनत्तम समर्थन मूल्य यानी एम.एस.पी.लागू कर दिया गया तो इस देश की सरकारों का आर्थिक दिवाला निकल जाएगा।
    –शेतकारी संगठन के किसान नेता अनिल घनवट
इकाॅनोमिक टाइम्स
22 नवंबर 21
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सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून पर जो पैनल बनाया था,
उस पैनल के सदस्य बता रहे हैं कि ज्यादातर किसान चाहते थे कि कानून लागू हो।
   बंद लिफाफा में दी गई रिपोर्ट में भी यही लिखकर दिया गया।
   फिर सुप्रीम कोर्ट ने देश को क्यों नही बताई  यह रिपोर्ट ?
(आखिर) क्यों ?
     –सुशांत सिन्हा, दैनिक जागरण
       22 नवंबर 21
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    रोहिणी आयोग की रपट से उम्मीद ?
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क्या केंद्र सरकार कृषि कानून पर पीछे इसलिए हटी क्योंकि उसके आकलन के अनुसार कानून वापस नहीं लेने पर
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भाजपा हार जाएगी ?
यानी, सत्ता से बाहर हो जाएगी ?
यदि यह सच है तो भाजपा सरकार को एक अन्य विकल्प की लाभ -हानि पर विचार करना चाहिए।
क्या रोहिणी आयोग की सिफारिश को लागू कर देने से किसान आंदोलन से हो रहे चुनावी नुकसान को पूरा किया जा सकेगा ?
क्योंकि जो संकेत हैं,उसके अनुसार अब पेंच न्यूनत्तम समर्थन मूल्य पर फंसेगा।
जाहिर है कि अभी मांग 23 फसलों के लिए है।
बाद में बढ़ेगी।
फिर क्या होगा ?
लागू करने पर सरकार दिवालिया हो जाएगी।
फिर तो उसके पास चीन,पाकिस्तान और आंतरिक जेहादियों से मुकाबले के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होंगे।
मोदी सरकार बाहरी-भीतरी संकटों से बुरी तरह घिर जाएगी।
उससे सबसे अधिक खुशी चीन पाकिस्तान व बाहर-भीतर के जेहादियों को होगी।
इस देश के वे लोग भी खुश होंगे जिनके खिलाफ भीषण भ्रष्टाचार व देशद्रोह आदि के मामलों में मुकदमे चल रहे हैं।
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रोहिणी न्यायिक आयोग ने मंडल आरक्षण के तहत निर्धारित
27 प्रतिशत आरक्षण को चार भागों में बांट देने की
सिफारिश केंद्र सरकार से की है।
   यदि सिफारिश मान ली गई तो केंद्र की सूची में शामिल 97 मजबूत पिछड़ी जातियों को 27 में 10 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा।
  1674 जातियों को दो प्रतिशत, 534 जातियों को 6 प्रतिशत और 328 जातियों को 9 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
  वर्षों से यह एक संवेदनशील मामला रहा है।
आरोप लगता रहा है कि आरक्षण का अधिक लाभ मजबूत पिछड़ी जातियों को ही मिलता रहा है।
रोहिणी आयोग ने भी पाया कि कुल 2633 पिछड़ी जातियों में से करीब 1000 जातियों को तो आज तक आरक्षण का कोई लाभ मिला ही नहीं।
  याद रहे कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2017 में रोहिणी आयोग बनाई थी।
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कौन कर रहा इतिहास से खिलवाड़ ?
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‘‘भारत पर इस्लामिक विजय संभवतः इतिहास की सर्वाधिक रक्तपात वाली विजय थी।’’
    —अमेरिकी इतिहासकार विल डुरंड
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‘‘मुगलों ने कभी हिन्दुस्तान पर अत्याचार नहीं किया।’’
   — मणिशंकर अय्यर, पूर्व केंद्रीय मंत्री
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रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी मशहूर पुस्तक ‘‘संस्कृति के चार अध्याय’’ में एक जगह विल डुरंड से मिलती -जुुलती बातें ही लिखी हंै।
दिनकर की इस पुस्तक की भूमिका में जवाहरलाल नेहरू ने लिखा है कि ‘‘भारत को बेहतर ढंग से समझने में यह किताब हमारी मदद करेगी।’’
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अब आप ही बताइए कि हम क्या और कैसे समझें ?
किसकी बात मानें ? !!
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