ये हैं वो देशद्रोही गुनाहगार जो सेना के हथियारों की दलाली खाने का जघन्य पाप करते हैं
दुबई से उसको गिरफ्तार कर के लाने के बाद सीबीआई और ईडी उससे पूछताछ कर रही है। उसके खिलाफ ईडी और सीबीआई के सबूत इतने पुख्ता हैं कि पिछले तीन सालों से उसे जमानत नहीं मिली है।
(लेखक श्री सतीश चंद्र मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विषयों के विश्लेषक हैं)
कृपया बहुत ध्यान से इन तथ्यों को पूरा पढ़िए।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर, राफेल फाइटर प्लेन समेत, भारत के कई रक्षा सौदों में मुख्य दलाल रहे कुख्यात अंतरराष्ट्रीय हथियार दलाल क्रिश्चियन मिशेल की तलाश मोदी सरकार बनते ही शुरू हो गयी थी।
आज से लगभग 3 साल पहले संयुक्त अरब अमीरात की सरकार की अनुमति और न्यायालय के आदेश के पश्चात भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 4 दिसंबर 2018 को कुख्यात अंतरराष्ट्रीय हथियार दलाल क्रिश्चियन मिशेल को हिरासत में ले लिया था। उसी दिन अपने विशेष विमान में उसे लाद कर सीबीआई की टीम रात 11 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पहुंच गयी थी।
सीबीआई को मिली इस सफलता के लिए मोदी सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात की अदालत में क्रिश्चियन मिशेल के नामी गिरामी अंतरराष्ट्रीय वकीलों की फौज से कितनी लंबी और भीषण कानूनी जंग लड़ी थी, इसे पूरी दुनिया जानती है।
पर्दे के पीछे मोदी सरकार ने कूटनीतिक शतरंज की बाजी कैसे जीती थी। यह सच भी अब कोई रहस्य नहीं रह गया है।
दूसरे दिन 5 दिसंबर 2018 की सुबह सीबीआई ने क्रिश्चियन मिशेल को जब दिल्ली के न्यायालय में प्रस्तुत किया था तो उसकी मदद के लिए एक वकील वहां पहले से मौजूद था।
कांग्रेसियों को, विशेषकर खेड़ा और सुप्रिया सरीखे कांग्रेसी प्रवक्ता अगर भूल गए हों तो याद दिला दूं कि वो वकील कोई और नहीं बल्कि यूथ कांग्रेस के लीगल डिपार्टमेंट का राष्ट्रीय अध्यक्ष/संयोजक अलजो के.जोसेफ था। कचहरी में क्रिश्चियन मिशेल से मिलकर वो सीधे 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गया था। इस कांग्रेसी करतूत पर सोशलमीडिया में कांग्रेस पर तीखे सवालों प्रहारों की मूसलाधार बरसात जोरशोर से शुरू हो गयी थी।
उस बरसात से बचने के लिए कांग्रेस ने अलजो के. जोसेफ के निष्कासन का ड्रामा रच दिया था। लेकिन कहानी केवल इतनी ही नहीं है। जोसेफ के निष्कासन को मैं ड्रामा अकारण ही नहीं कह रहा हूं।
क्रिश्चियन मिशेल को दिल्ली लाने के बाद उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने वाली ईडी की टीम ने 28 नवंबर 2018 को न्यायालय को जो कुछ बताया था वह बहुत शर्मनाक और खतरनाक तो था ही।
साथ ही साथ ईडी द्वारा दी गयी उस जानकारी ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि देश की सेना के लिए हथियारों की खरीद में दलाली का मास्टरमाइंड कौन है.?
28 नवंबर को ईडी ने न्यायालय को सूचित किया था कि क्रिश्चियन मिशेल ने पूछताछ के दौरान इटली की महिला के बेटे का नाम लिया है। ईडी ने न्यायालय को यह भी बताया था कि उसकी पूछताछ के दौरान क्रिश्चियन मिशेल ने यह भी बताया है कि उस इटली की महिला का वह बेटा कैसे देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार बैठा है। ईडी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से यह भी कहा था कि क्रिश्चियन मिशेल ने उसे बताया है कि कैसे एक सौदे से HAL को हटा दिया गया था और सौदे की पेशकश टाटा को की गई थी।
ईडी ने न्यायालय को बताया था कि क्रिश्चियन मिशेल से मुलाकात करने के लिए उसका वकील अलजो के.जोसेफ एक दिन जब ईडी दफ्तर पहुंचा था तो मिशेल ने उसे चुपके से एक पर्ची थमा दी थी। जब वह उससे मिल रहा था तो मिशेल ने एक कागज अपने वकील को दे दिया था। मौके पर मौजूद ईडी की डिप्टी डायरेक्टर रमनजीत कौर ने यह सब देख लिया था।
उन्होंने वकील से वह कागज ले लिया था। उस कागज़ पर मिसेज गांधी नाम की महिला के नाम के साथ कई सवालों की फेहरिस्त लिखी हुई थी। ईडी ने न्यायालय को बताया था कि अलजो के.जोसेफ जब क्रिश्चियन मिशेल से मिलने के लिए ईडी के दफ्तर पहुंचा था तो एक अतिरिक्त मोबाइल फोन वो अपने साथ लाया था। वह फोन उसने फाइलों के नीचे दबा रखा था। जोसेफ ने नियमों के खिलाफ जाकर मिशेल के बहुत करीब होकर मुलाकात की थी।
उपरोक्त घटनाक्रमों की जानकारी देते हुए ईडी ने मिशेल के वकील अलजो के.जोसेफ की पहुंच पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग न्यायालय से की थी। सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि न्यायालय में ईडी द्वारा लगाए गए उपरोक्त सभी आरोपों से क्रिश्चियन मिशेल का वकील अलजो के.जोसेफ (जो कांग्रेस का राष्ट्रीय नेता रहा है) मुकर नहीं पाया था। वह इसलिए नहीं मुकर पाया था क्योंकि ईडी की पूरी पूछताछ वीडियो कैमरों के सामने हो रही थी। परिणामस्वरूप अदालत ने क्रिश्चियन मिशेल के वकील पर तत्काल यह पाबंदी लगा दी थी कि वो क्रिश्चियन मिशेल से अब एक निश्चित दूरी पर रहेगा। उसके करीब नहीं जाएगा।
ध्यान रहे कि क्रिश्चियन मिशेल कोई साधारण सामान्य आदमी नहीं है। साढ़े तीन हज़ार करोड़ रूपये के अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में ढाई सौ करोड़ की घूस/दलाली खाने वाले भारतीय लुटेरों तक घूस/दलाली पहुंचाने वाला बिचौलिया है क्रिश्चियन मिशेल। इटली की अदालत में उसका यह कुकर्म सिद्ध भी हो चुका है।
दुबई से उसको गिरफ्तार कर के लाने के बाद सीबीआई और ईडी उससे पूछताछ कर रही है। उसके खिलाफ ईडी और सीबीआई के सबूत इतने पुख्ता हैं कि पिछले तीन सालों से उसे जमानत नहीं मिली है।
ध्यान रहे भारतीय जांच एजेंसियों के शिकंजे में सींखचों के पीछे अपने दिन गिन रहे सुशेन गुप्ता और राजीव सक्सेना इसी क्रिश्चियन के पालतू चाकर/गुर्गे हैं। गुप्ता और सक्सेना इसी क्रिश्चियन मिशेल के इशारों पर नाचने वाली कठपुतलियां हैं।
अब आप स्वंय यह तय करिए कि भारतीय सेना के हथियारों की खरीद में दलाली खाने का गुनाहगार कौन है.? क्या वह मोदी सरकार गुनाहगार है जिसने लंबी कानूनी और कूटनीतिक लड़ाई लड़ कर इन तीनों दलालों को जेल में पहुंचाया है, या इटली की वो महिला और उसका वह बेटा जिम्मेदार है जो देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए मरा जा रहा है और जिसका नाम ईडी ने न्यायालय को बताया है.?
मुझे कष्ट इस बात का है कि कल रात श्रद्धेय स्व. अटल बिहारी बाजपेयी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धुआंधार गली बकते रहे कांग्रेसी प्रवक्ताओं से उपरोक्त सवाल किसी भाजपाई प्रवक्ता ने नहीं पूछे।
लेकिन आप लोग उपरोक्त तथ्यों और सवालों को अधिकतम लोगों तक पहुंचाने का प्रयास अवश्य करिए।