अमित सिंघल : विगत की अपेक्षा 3 करोड़ अधिक वोट भाजपा को मिलेंगे

2014 संसदीय चुनाव में भाजपा में भाजपा को 17.17 करोड़ वोट मिले थे जो कुल वोट का 31 प्रतिशत था। NDA को 38.5% वोट मिले थे ।

वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में भाजपा को भाजपा को 22.9 करोड़ वोट मिले; पार्टी को पूरे देश में 37.76 प्रतिशत वोट मिले जबकि NDA को 45.43% वोट मिले थे। 13 राज्यों में भाजपा का कुल वोट प्रतिशत 50 प्रतिशत पार कर गया था। दो अन्य राज्यों में 49% के ऊपर था । लेकिन भाजपा ने 542 सीटों में से केवल 436 सीटों पे चुनाव लड़ा था, जिसमे भाजपा को कुल 47.34 प्रतिशत वोट मिले। अकेले 224 सीटों पर भाजपा को 50% से अधिक वोट मिले थे।

कर्नाटक छोड़कर दक्षिण भारत में भाजपा का वोट प्रतिशत कम होने के कारण यह आंकड़ा 50 प्रतिशत पार नहीं कर पाया था। दक्षिण भारत की अधिकतर सीटों पे भाजपा ने अपना डिपाजिट खो दिया था।

दूसरे शब्दों में, 2014 के चुनाव के पांच वर्ष बाद भाजपा ने अपना वोट शेयर 6.7 प्रतिशत तथा कुल वोट संख्या 5.7 करोड़ बढ़ा ली थी।

मेरा अनुमान है कि 2024 आम चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 41-42 प्रतिशत पार हो सकता है। कुल मतदान 64-65 प्रतिशत रहने की आशा है; अर्थात लगभग 63 करोड़ वोट डाले जाएंगे। यह इंगित करता है कि भाजपा को 26 करोड़ वोट मिल सकते है जो पिछली बार से तीन करोड़ से अधिक होगा।

लेकिन यह वोट शेयर पूरे देश से मिला, जबकि भाजपा केवल 440 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। और इस बार भाजपा का लक्ष्य 300 सीटों पर वोट शेयर 50 प्रतिशत पार करवाने का हो सकता है जिसके लिए माइक्रो या सूक्ष्म स्तर पर आमजन की आँखों से दूर कैंपेनिंग की जा रहा है। अन्य 70-80 सीटों पर पार्टी 45 से 50 प्रतिशत वोट शेयर खींचने का लक्ष्य बनाकर चल सकती है।

भारत के चुनावी मॉडल के संदर्भ में 26 करोड़ वोट भाजपा को आसानी से 330 सीट दिलवा सकते है जो 2019 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक होगी।

राज्यवर या चुनावी क्षेत्र की लड़ाई से परे मेरा अनुमान मैक्रो या वृहद पिक्चर पर आधारित है।

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