विरासत में मिली बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं,  2025 तक हो पाएगा टीकाकरण जैसे बेतुके दावे व निम्न स्तरीय विपक्षी राजनीति के बीच इस दशक में वैक्सिनेशन का इतिहास भारत में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा..70 करोड़ से ऊपर पहुंचा आंकड़ा

जब कभी इस दशक के भारत का इतिहास लिखा जाएगा, भारत द्वारा संचालित कोविड वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी। विपक्षी दलों के द्वारा लगातार भ्रम की स्थिति निर्मित की गई, वैक्सीन पर प्रश्न खड़े किए गए।इसके बाद भी आज वैक्सिनेशन 70 करोड़ से ऊपर पहुंच चुका है।
 वह देश जिसमें स्वस्थ सुविधाओं की ख़राब हालत किसी से छिपी नहीं है। शेष अन्य मूलभूत सेवाओं में समस्याएँ तो इतनी बेसिक हैं कि दुनिया के बाक़ी देश सोच ही नहीं सकते। वैक्सीन प्रथम तो मिलनी नहीं और मिल भी जाए तो स्टोर कैसे की जाएगी..?
ज़्यादातर जगहों पर तो चौबीस घंटे बिजली ही नहीं। इस सबके बीच संसाधनों का अभाव, जनता में अशिक्षा, स्तर हीन विपक्ष आदि ने समस्या को दस गुना बना दिया। यह वह देश है जहां वैक्सीन बनाना तो दूर उसे लगाने वाली सिरिंज का अभाव रहता आया है और प्रायः ऐसे केस में वैक्सीन इंपोर्ट कर वैक्सीन घोटाला होने की पूरी सम्भावना रहती कांग्रेस सरकार में।
 फ़िर भी भारत अब तक 70 करोड़ वैक्सीन लगा चुका है। दुनिया ने मान रखा था भारत 2025 तक वैक्सीन लग ले जाए बड़ी बात, वही भारत दुनिया के उन देशों की कुल जनसंख्या से ज़्यादा लोगों को रोज़ वैक्सीन लगा रहा है. रोज़ाना  एक करोड़ वैक्सीन लग रहे हैं। हिमाचल जैसे प्रदेशों में तो सौ प्रतिशत लोगों को एक वैक्सीन लग चुकी है, यह इतना बड़ा अचीवमेंट है कि विश्व के 99% देश नहीं कर पाए हैं।
वाक़ई भारत के वैक्सिनेशन प्रोग्राम ने नया इतिहास रचा है।
9 सितंबर 2021 तक कोरोना वायरस से जंग में देश ने एक बड़ा लक्ष्य हासिल कर लिया है। अब तक देश भर में 70 करोड़ से ज्यादा टीके लग चुके हैं। यही नहीं 60 करोड़ से आंकड़ा 70 करोड़ तक पहुंचने में महज 14 दिनों का ही वक्त लगा है। कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत इस साल जनवरी में हुई थी और तब से अब तक इसकी स्पीड में लगातार इजाफा हो रहा है। पहले 10 करोड़ टीके लगने में जहां 85 दिनों का वक्त लगा था। वहीं यह आंकड़ा 10 से 20 तक पहुंचने में 45 दिन ही लगे थे। उसके बाद से लगातार कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार में इजाफा देखने को मिला था।
20 से 30 करोड़ डोज 29 दिनों में और फिर अगले 34 दिनों में यह आंकड़ा 40 करोड़ तक पहुंच गया था।इसके बाद अगले 10 करोड़ यानी 50 करोड़ का लक्ष्य 20 दिनों में हासिल हुआ था। फिर यह अंतर और कम होते हुए 19 दिनों का ही रह गया था। अब यह महज 13 दिन ही रह गया, जब कोरोना वैक्सीन के टीके लगाने का आंकड़ा 60 से 70 करोड़ तक पहुंच गया है।
देश में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी और पहले राउंड में देश भर में हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया गया था। इसके बाद 60 साल से अधिक के बुजुर्गों को इस दायरे में लाया गया था और फिर 45 साल से अधिक आयु के लोगों को इसमें लाया गया था।
इसके बाद 1 मई से देश में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लगाने का अभियान शुरू किया गया था।
देश में 70 करोड़ टीके लगाए जाने का लक्ष्य हासिल करने की जानकारी देते हुए हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में यह सफलता हमें मिली है और तेजी से वैक्सीनेशन का अभियान आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने वैक्सीनेशन के अभियान में लगे हेल्थ वर्कर्स और टीका लगवाने वाले लोगों को भी वैक्सीनेशन में तेजी लाने का श्रेय देते हुए धन्यवाद दिया।

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