कांग्रेस अपने पार्टी के नेताओं को जोड़ नहीं पा रही और विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए की 18 अगस्त को वर्चुअल मीटिंग…
सर्वे बता रहें हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में थोड़ी कमी आई है लेकिन विपक्षी दलों के नेताओं की लोकप्रियता में जो गिरावट आई है उसमें उठाव का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। समूचा विपक्ष का एक ही एजेंडा है मोदी हटाओ और किसी भी तरह से सत्ता में आओ।
इस बार विपक्षी दलों के नेताओं को साधने की कमान कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सम्हाली हुई है। सबको साथ लेकर चलने का एक ही टारगेट तय किया गया है किसी भी तरह से सत्ता हथियाना और वर्ष 2024 के चुनाव पर नजर रखते हुए इसकी कमान संभाली है उस कांग्रेस ने जो लंबे समय से अभी तक अपना अध्यक्ष नहीं चुन स्की है।
जिस तरह की आंतरिक और बाह्य समस्याएं देश के सामने है, उसके निराकरण के लिए विपक्ष के पास सिवाए झुनझुने और पाखंड के कुछ नहीं है। सत्तारूढ़ मोदी सरकार की तरह विपक्षी दलों के पास दूरदृष्टि का पूर्णतः अभाव है।
विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट
करने के प्रयास में जुटी सोनिया गांधी पर सामाजिक कार्यकर्ता व फिल्म मेकर अशोक पंडित ने
व्यंग्य करते हुए अपने ट्विट किया कि “सोनिया गांधी जो अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को एकजुट नहीं रख पाई वो विपक्षी नेताओं को एकजुट कर रही है, ये कैसी विडम्बना है।”
हालाँकि लोकसभा चुनाव में अभी बहुत समय बचा हुआ है लेकिन मोदी सरकार को घेरने की तैयारी विपक्षी पार्टियों ने अभी से शुरू कर दिया है।
विपक्षी पार्टियों ने वरिष्ठ नेता लगातार एक-दूसरे के संपर्क में रहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। 19 विपक्षी दलों से वर्चुअल मीटिंग कर सोनिया गांधीमोदी सरकार को घेरने के लिए योजना बना रहीं है। 18 अगस्त की वर्चुअल मीटिंग में तय किया गया है कि 20 सितम्बर से 30 सितम्बर तक एक महीने सभी विपक्षी दल पूरे देश में एकसाथ विरोध प्रदर्शन करेंगे।