1 से 3 घंटे के अंतर पर ट्विटर से पहले koo पर जानकारी देगी केंद्र सरकार..
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की टक्कर में लॉन्च हुआ मेड इन इंडिया देसी ट्विटर Koo एप पिछले कुछ दिनों में काफी लोकप्रिय हुआ है। सरकार के करीब सभी मंत्रालय के अकाउंट Koo app पर बन गए हैं। इसके अलावा सरकार इस एप को प्रमोट भी कर रही है। Koo app ने आत्मनिर्भर भारत एप चैलेंज में भी अपना जलवा दिखाया था। अब खबर है कि भारत सरकार आधिकारिक तौर पर Koo app को ट्विटर के विकल्प के तौर पर पेश करने वाली है।
ईटी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही Koo app को ट्विटर के भारतीय विकल्प के तौर पर आधिकारिक रूप से घोषित कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि Koo app को सरकार पहला सरकारी कम्यूनिकेशन प्लेटफॉर्म भी घोषित कर सकती है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और केंद्र सरकार के साथ जारी तनातनी के बीच अब कू एप को बढ़ावा देने की योजना बनाई जा रही है। तमाम केंद्रीय मंत्री और अधिकारी ट्विटर पर ट्वीट करने से पहले देसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू एप पर जानकारी साझा करेंगे।
तमाम तरह की सारी घोषणाएं पहले कू एप में होंगी और उसके 1-3 घंटे बाद ट्विटर पर शेयर की जाएगी। उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन से जुड़े ट्विटर अकाउंट को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के साथ विवाद चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार अब जानकारी देने के लिए मुख्यतौर पर कू एप का इस्तेमाल करेगी। केंद्र सरकार के ज्यादातर मंत्रियों और मंत्रालयों ने कू एप पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। हाल ही में मनी कंट्रोल से बातचीत में कू एप के संस्थापक ने बताया था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू पर अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन यूजर्स को देश के नियमों का पालन करना पड़ेगा।
गोयल के ट्वीट के बाद बढ़ी लोकप्रियता केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 9 फरवरी को कू एप को लेकर एक ट्वीट किया था जिसके बाद इस माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू की लोकप्रियता बढ़ गई। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मैं अब कू एप पर हूं। अब भारतीय माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू पर आप मेरे साथ जुड़ें। आइए कू पर हम अपने विचारों का आदान-प्रदान करें।
Koo एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट है जिसे ट्विटर की टक्कर में पेश किया गया है। सीधे शब्दों में कहें तो Koo एक मेड इन इंडिया ट्विटर है। यह हिंदी, अंग्रेजी समेत आठ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। Koo को एप और वेबसाइट दोनों तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका भी इंटरफेस ट्विटर जैसा ही है। इसमें शब्दों की सीमा 350 है।
