राकेश जॉन : इसीलिए अंबेडकर साहब ने..
जाति के नाम पर दलित समाज को भगवान के खिलाफ भड़काने वाला वामपंथ भारत में पूरी तरह से असफल रहा। डॉ अंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाने के दिन अवश्य प्रतिज्ञा ली थी कि वो हिंदू देवी देवताओं की पूजा नहीं करेंगे लेकिन वामपंथियों की तरह उन्होंने न तो देवी देवताओं के अपमान करने की बात कही और न ही कभी ये कहा कि महिषासुर या अन्य असुर उनके लिए पूज्य थे।
वामपंथियों की इन्हीं भारत विरोधी चालों के कारण डॉ अंबेडकर ने दलित और बहुजन समाज को वामपंथी बनने से बचने के लिए कहा था।
सामाजिक कुरीतियों से लड़ने का एक मतलब ये है कि जो लोग दलित – वंचित समाज और भगवान के बीच दूरी पैदा करने की चाल चलें उनके भारत विरोधी मंसूबों को हम उनके ही आगे उजागर करें।
साभार : राकेश जॉन
