वाहनों में ऐसे ऑटो पार्ट्स बनते है दुर्घटनाओं के कारण…
नकली सिलाई मशीन बेचने का प्रकरण हाल में ही शहर में दर्ज किया गया है। जिले में नकली स्पेयर पार्ट्स की बिक्री भी लगातार जारी है। देश में होने वाले 20 फीसदी सड़क हादसों में इन नकली ऑटो पार्ट्स की भागीदारी होती है। ये कलपुर्जे बाजार में असली बताकर बेचे जाते हैं। इन्हें इस तरह से पेश किया जाता है कि 80 फीसदी लोग इन्हें असली समझ बैठते हैं। फिक्की ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जालसाजी और नकली उत्पाद जैसी समस्याएं स्थायी हो गई हैं।

जितनी रफ्तार से देश का ऑटो सेक्टर नहीं बढ़ा है, उससे कहीं ज्यादा तेजी से नकली पार्ट्स का व्यापार बढ़ा है। वहीं नकली पार्ट्स से ऑटो कंपनियों की भी नींद उड़ गई हैं, क्योंकि ऑटो कंपनियों की बिक्री में पार्ट्स का अहम योगदान होता है। नकली पार्ट्स बनाने वालों ने ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स सबसे ज्यादा परेशान है। एसी के फिल्टर, रिंग, पिस्टन, कमानी, पट्टे, क्लच प्लेट, स्टीयरिंग सस्पेंशन और ब्रेक वायर समेतत तमाम ऐसे ऑटो स्पेयर पार्ट्स, जिनकी मार्केट में खपत अधिक होती है, सबके नकली पार्ट्स बाजार में बेचे जा रहे हैं।

सरकार भी नकली स्पेयर पार्ट्स की पहचान करने के लिए कई कड़े कदम उठा रही है। मोचर व्हीकल नियमों के तहत सरकार ने हाल ही में एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन के मुताबिक सरकार ने वाहन और उनके स्पेयर पार्ट्स और अन्य कलपुर्जों में दिखाई न देने वाले माइक्रोडोट्स लगाने का फैसला किया है। इनकी खासियत होगी कि इन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी या पराबैंगनी प्रकाश स्रोत की आवश्यकता होगी। इस तकनीक के तहत गाड़ियों को चोरी से बचाने और नकली पार्ट्स के इस्तेमाल पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। माइक्रोडॉट्स तकनीक के तहत वाहन निर्माता या ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स पार्ट्स या किसी भी मशीन पर बेहद बारीक स्प्रे करेंगे, जिनमें डॉट्स होंगे। दुनियाभर में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
अगर मिले पार्ट्स पर छूट
अगर आप स्पेयर पार्ट्स खरीदने किसी दुकान पर जाते हैं, और दुकानदार उस पार्ट्स पर ज्यादा डिस्काउंट दे रहा है, तो समझ जाएं कि वह पार्ट नकली है। कंपनी के शोरूम पर भी जाकर या फोन से संपर्क करके पार्ट की कीमत का जरूर पता करें। वहीं जीएसटी बिल जरूर लें, इससे आपको नकली पार्ट्स का पता लगाने में आसानी होगी।
नकली पार्ट्स से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि ग्राहकों को चाहिए कि वह हमेशा अपनी गाड़ी को संबंधित कंपनी के ऑथराइज्ड डीलर से ही ठीक कराए, यहां तक कि उसकी सर्विस भी कंपनी से ही कराएं। इसका फायदा यह होगा कि कंपनी आपको पार्ट पर वारंटी भी देगी, साथ ही कंपनी के पास प्रशिक्षित मैकेनिक भी होते हैं, जो उसे लगाने में पूरी सावधानी बरतते हैं।
