जिलाधीश को व्यवसाइयों ने पत्र लिखकर जताई चिंता…
होटल टॉप इन के परिसर में स्थित व्यवसाइयों ने 40 कमरों के होटल को कोविड-19 हॉस्पिटल में तब्दील किए जाने को लेकर भविष्य में अपने व्यवसाय बन्द किए जाने से होने वाले दुष्प्रभाव और होटल के आसपास समस्त जिला कार्यालयों के होने का उल्लेख करते हुए जिलाधीश, कोरबा को पत्र लिखकर चिंता जताते हुए कहा है कि भीडभाड़ वाले जगहो को कोविड अस्पताल बनाना कदापित उचित नहीं है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि ” हम सब दुकानदारो की दुकाने आईटीआई चौक कोरबा के समीप स्थित होटल टॉप इन टॉउन के नीचे स्थित हैं, जो कि निगम के अन्तर्गत आती है, जिसे हम सभी के द्वारा विगत
30-40 वर्षों से संचालित करते चले आ रहे है, और इसी के माध्यम से हम अपना एवं अपने परिवार का भरण पोषण करते है, इसके अतिरिक्त हमारे जीवीकोपार्जन हेतु अन्य कोई दुसरा व्यवसाय नही है । दिनांक 21.09.2020 को सायंकाल करीब 6.00 बजे नगर निगम कोरबा के उपायुक्त श्री बी.पी.त्रिवेदी, भावेश यादव, के द्वारा हम समस्त दुकानदारो को उनके कार्यालय में आकर मिलने हेतु संदेश भेजा गया, उनके बुलाने पर हम समस्त दुकानदार उनसे मिलने निगम कार्यालय गये तो उनके द्वारा यह जानकारी दी गई कि टॉप इन टाउन होटल को न्यू कोरबा हास्पीटल के द्वारा कोविड-19 अस्पताल के रूप में तब्दिल किया जा रहा है जिस हेतु आप सबको 6-8 महीनो के लिए अपनी-अपनी दुकाने पूर्णतः बंद करनी पड़ेगी जिस हेतु हम आप सभी दुकानदारो को 10,000/- रू.प्रतिमाह के हिसाब से भुगतान करेंगे अगर आप लोगो के द्वारा हमारी बाते
नही मानी जाती है और अपनी अपनी दुकानो को बंद नही किया जाता है तो हमें आपकी दुकानो को ताला लगवा देंगे और आप लोग कुछ कर भी नही पाओंगे ।
माननीय महोदया अगर इस प्रकार से उपरोक्त अधिकारी के कहे अनुसार कार्यवाही की जाती
है और हमारी दुकाने 6 से 8 महीनो के लिए बंद कर दी जाती है तो हमारे दुकानो में स्थित लाखो का सामान बर्बाद हो जाएंगा, दुकाने रखरखाव के अभाव में चलाने लायक नही रहेगी, और ऐसी स्थिति में हमें अत्यधिक आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा तथा हमारे एवं हमारे परिवार के भरण पोषण का एकमात्र जरिया भी समाप्त हो जाएंगा एवं हमारे परिवार के समक्ष भरण पोषण की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाने के कारण भूखो मरने की स्थिति उत्पन्न हो जाएंगी । लम्बे समय से लाकडाउन के कारण हम समस्त दुकानदारो की दुकानदारी भी बहुत प्रभावित हुई है, हम अपने बच्चो के स्कूल की फीस,व बैंक लोन की किस्त भी जमा नहीं कर पा रहे है अगर हमसे हमारे एकमात्र रोजगार को भी निगम द्वारा बंद करा दिया जाता है तो हमारे समक्ष स्थित आर्थिक संकट और गहरा जाएंगा हमारे रोजगार खतम हो जाएंगा, किस्तो की अदायगी नही किये जाने के कारण बैंको के द्वारा हमारी मकानो पर कब्जा कर लिया जावेगा बच्चो की फीस नही पट पाने के कारण उनका भविष्यअंधकारमय हो जाएंगा । यदि भविष्य में उपरोक्त परिस्थितियों के कारण हम या हमारे परिवार के किसी भी सदस्य के साथ कोई घटना या दुर्घटना घटित होती है, या परिवार का कोई सदस्य की किसी कारण से मौत होती है तो उसके लिए एकमात्र जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।
महोदया उपरोक्त होटल के परिसर में हमारे दुकाने से लगा हुआ भारतीय स्टेट बैंक की शाखा आईटीआई कोरबा भी संचालित है,जहां प्रतिदिन काफी संख्या में लोगो को आना जाना होता है,जिसे उपरोक्त प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है महोदया ज्ञात हो कि हमारे दुकानो के पीछे सीएसईबी कालोनी, बगल में नगर पालिक निगम, सामने एस.पी.कार्यालय,बगल में रामपुर चौकी, जिला न्यायालय एवं कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित है, ऐसे भीडभाड़ वाले जगहो को कोविड अस्पताल बनाना कदापित उचित नहीं है।
अतः माननीया महोदया से निवेदन है कि अगर शासन प्रशासन के द्वारा न्यू कोरबा हॉस्पीटल को आईटीआई चौक स्थित टॉप इन टाउन होटल को कोविड-19 अस्पताल के रूप में दिये जाने की कोई योजना है तो उसपर हमारी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एवं भविष्य मे हमारे एवं हमारे परिवार के समक्ष जीवीकोपार्जन की उत्पन्न होने वाली गम्भीर समस्याओ को ध्यान में रखकर पुर्नविचार कर सदभावना पूर्वक मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए निर्णय लेने की कृपा करे, ताकि हमारा रोजगार प्रभावित न हो, ओर भविष्य में हमारे परिवार के समक्ष जिवीकोपार्जन हेतु गंभीर संकट उत्पन्न ना हो सके।”