कोरबा अग्निकांड : बुझी आग के पीछे सुलगते प्रश्न खड़े कर गया.. नीजि कॉम्प्लेक्स होता तो.. कलेक्टर ने…
कोरबा। कोरबा के सबसे बड़े ऐतिहासिक अग्निकांड में शहर का सबसे बड़ा व्यवसायिक परिसर धधकने के साथ ही कई यक्ष प्रश्न छोड़ गया है। अब देखना है कि धुवों में इन प्रश्नों का जवाब उड़ा दिया जाएगा या आगे की कार्ययोजना तैयार कर स्थानीय प्रशासन आगे आएगा?
● बिल्डिंग में फायर एग्जिट नहीं, अगर फायर एग्जिट होता तो शायद एक महिला सहित 3 लोगों की अकाल मृत्यु भी नहीं होती।इस वजह से बचाव कार्य में भी विलंब हुआ।
● CSEB द्वारा अगर तत्काल पूरे शहर की बिजली गुल कर दी जाती तो इस स्थिति में ललगातार विभिन्न हिस्सों में हो रहा शॉट सर्किट पर ब्रेक लग जाता और आग फैलने से रुक सकता था।
● शहर के शेष दुकानों में आग से बचाव के संसाधनों की सघन जांच वर्ष में 2 बार आवश्यक रूप से करके भविष्य की ऐसी किसी संभावित दुर्घटनाओं पर रोक लगाने का काम किया जा सकता है।
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● निगम के किसी भी कॉम्प्लेक्स में फायर फाइटिंग के एक भी व्यवस्था नहीं हैं, होता तो कॉम्प्लेक्स में फायर फाइटिंग सिस्टम के माध्यम से आग पर काफी हद तक कंट्रोल दमकल कर्मियों के पहुंचने से पहले ही पा लिया जाता।
● कल्पना कीजिए अगर यह घटना किसी नीजि व्यावसायिक परिसर में हुई होती तो अभी तक कानूनी कार्यवाही भी शुरू हो गई होती।
● शहर के हृदयस्थल के कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग से आधा दर्जन दुकानें आईं चपेट में।
● आगजनी में घायल हुए मरीजों से मिलने पहुंचे कलेक्टर संजीव झा।
● श्वेता नर्सिंग होम प्रबंधन ने मामले की गंभीरता को देखते सभी मरीजों का निःशुल्क उपचार का लिया निर्णय
● दमकल वाहन को सूचना मिलते ही तत्काल दमकल वाहन की 4 गाड़ी मौके पर पहुंची।
घटनास्थल पर लगभग 4 घंटे डटकर राहत बचाव कार्य को संपादित करने के बाद कोरबा कलेक्टर संजीव झा, एसपी यू उदय किरण, निगमायुक्त प्रभाकर पाण्डेय, सीएमएचओ डॉ एस एन केसरी श्वेता नर्सिंग होम पहुंचे यहां उन्होंने मरीजों का हाल जाना और मरीजों के परिजनों को सांत्वना दी। प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से कोरबा के सबसे लंबे चले ऑपरेशन में दर्जनों जिंदगियों को बचाने का काम किया गया। इधर अस्पताल प्रबंधन ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी मरीजों का निःशुल्क उपचार करने निर्णय लिया है। मरीजों का सम्पूर्ण उपचार अस्पताल प्रबंधन की ओर से कराया जाएगा। सभी मरीज एम डी मेडिसिन डॉ प्रिंस जैन की देखरेख में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे है।
आज दोपहर में हुए अग्निकांड में बिल्डिंग के ऊपरी माले पर दुकान और दफ्तर में काम करने वाले अनेक लोग इस भीषण आग में फंस गए। उन्हें बचाने और नीचे उतारने का प्रयास लंबे समय तक चलता रहा। किसी ने सीढ़ी से नीचे उतर कर जान बचाई तो कोई ऊपर से सीधे नीचे कूद पड़ा। इस आग ने 10 से ज्यादा दुकानों को चपेट में ले लिया। इस बीच एक महिला सहित 3 लोगों की मृत्यु इस दुःखद अग्निकांड में हो चुकी है। 10 लोग गंभीर स्थिति में हैं।
कोरबा के इतिहास में इतनी बड़ी भीषण आग पहले कभी नहीं लगी। साहेब कपड़ा दुकान में शॉट सर्किट से शुरू हुई आग इस तेजी से भड़की कि सिर्फ 30 मिनट में लगभग 10 दुकान इस आग की चपेट में आ गए। इस अग्निकांड में ऊपरी बिल्डिंग लगभग नष्ट हो चुके हैं।
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“नमामि हसदेव”-भाग-04 : पर्यावरण दिवस पर बालको का पर्यावरण विरोधी कुकृत्य जारी रहा.. निगम क्षेत्र में कैंसर, अस्थमा, न्यूकोनोसिस सहित कई बीमारियों को खुलकर दिया जा रहा निमंत्रण.. http://veerchhattisgarh.in/? p=13153
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शहर के बीचों-बीच यह कॉम्प्लेक्स स्थित है। इस कॉम्प्लेक्स में एलआईसी का ऑफिस, मोबाइल, स्टेशनरी, कपड़ा सहित कई दुकानें हैं। यहां आग करीब 1.30 बजे के आस-पास लगी। अचानक भड़की आग के बाद कॉम्प्लेक्स के अंदर उपस्थित लोगों ने भागकर जान बचाई।