कृषि बिल : सीधे लाभ मिलेगा किसानों को..

Bsnl के बाद जब आईडिया, वोडाफोन, जियो अस्तित्व में आईं तो bsnl का अस्तित्व खत्म नहीं हुआ बल्कि उपभोक्ताओं को कम दामों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की होड़ मच गई।

 ऐसे ही देश में आईसीआईसीआई, एचडीएफसी सहित कई निजी बैंक की entry देश मे हुई तो जैसे भारतीय स्टेट बैंक बंद नहीं हो गया बल्कि प्रतिस्पर्धा बढ़ने के साथ ही सेवा में सुधार का लाभ ग्राहकों को मिला है।
नया कृषि बिल भी इसी क्रम में एक नई व्यवस्था है किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य दिलाने के लिए।
किसान को दलालों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी और अपनी उपज वे मंडी, राज्य के बाहर कही भी खुद ही बेच सकेंगे।
जानकारी के अनुसार देश के कई हिस्सों में एफसीआई, राज्य एजेंसियां आढ़तियों के माध्यम से खरीद करती है, जबकि ये उन्हें सीधे तौर पर करना चाहिए। इससे एक बड़ी कमाई हाथ से जाते देखकर विरोधी भी सक्रिय हो गए हैं।
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इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।
इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी स्पष्ट कर चुके हैं कि मंडी कानून में कोई छेड़छाड़ किए बिना कृषि उपज को अन्तर्राजिय कारोबार की अनुमति वाला कानून बना दिया है।