सुधांशु त्रिवेदी बोले “जाति में बांटने का सपना कुंभ के गंगा-जमुना के संगम में बहता नजर आ रहा है”
जो लोग कल तक यह कहते थे कि कुंभ में अधिक लोग नहीं आ रहे हैं, आंकड़े बढ़ा चढ़ाकर दिखाए जा रहे हैं वही लोग आज आरोप लगा रहे हैं कि इतने ज़्यादा लोग आ रहे हैं जिस कारण से जाम हो रहा है।
अब या तो पहले की बात सच थी या दूसरी बात सच।
वास्तविकता ये है की वो लोग हैं जो हिन्दू धर्म से जुड़े किसी भी मुद्दे के ऊपर केवल नुक्ताचीनी और लांछित करने का ही आधार ढूंढते है।
आज इनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि कुंभ इस विराट जन समागम में तमिलनाडु में 2023 में eradication of Sanatan Dharm और दुनिया के कई विश्वविद्यालयों और थिंक टैंक में संदिग्ध स्रोतों से धन प्राप्त कर के 2021 में हुई कॉन्फ़्रेन्स dismantling global Hindutva का समर्थन करके हिन्दू समाज को जात-पात के टुकड़ों में बांटकर एक आध टुकड़े का कट्टरपंथी वोटों के साथ साझेदारी करके सत्ता के एक टुकड़े को पाने का ख़्वाब जिसे गंगा जमुनी तहज़ीब जैसे शब्दों की चाशनी में परोसा जा रहा था वो बाँटने का ख़्वाब अब गंगा जमुना के संगम में बहता नज़र आ रहा है।
समाजवादी पार्टी का तथाकथित PDA जो वास्तविकता में सत्ता के केंद्रों में किसी भी वर्ग को स्थान न देकर मैं केवल एक परिवार की सत्ता को बचाने का उपकरण मात्र है जो पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनावों और अब मिल्कीपुर उपचुनाव के बाद बहुत धुंधला होता नज़र आ रहा था अब कुंभ की इस भारी भीड़ और जन समागम में अपना अस्तित्व खोता हुआ नज़र आ रहा है।
इन दलो को हिन्दू धर्म और श्रद्धालुओं की सुविधा से कोई लेना देना नहीं है इन है अपनी बाँटने वाली राजनीति की सुविधा ख़तरे में पढ़ने की चिंता है।
-श्री सुधांशु त्रिवेदी के टाइम लाइन से साभार।
