नए फास्टैग नियम पर स्पष्टीकरण

फास्टैग नियम में बदलाव के संबंध में कुछ पत्रों में प्रकाशित समाचारों के संदर्भ में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने स्पष्टीकरण दिया है। समाचारों में कहा गया था कि वाहन के टोल पार करने के 60 मिनट पहले से अधिक समय तक और उसके 10 मिनट बाद तक सक्रिय नहीं रहने वाले फास्टैग से लेनदेन को अस्वीकार कर दिया जाता है। इसके संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा जारी परिपत्र संख्या एनपीसीआई/2024-25/एनईटीसी/004ए, दिनांक 28.01.2025 का फास्टैग के ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

एनपीसीआई ने यह परिपत्र वाहन के टोल प्लाजा से गुजरने के दौरान फास्टैग की स्थिति पर उसके अधिग्रहणकर्ता बैंक और जारी करने वाले बैंक के बीच विवादों के समाधान की सुविधा के लिए जारी किया है। परिपत्र का उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि फास्टैग से लेनदेन वाहन के टोल प्लाजा से गुजरने के उचित समय के भीतर हो ताकि ग्राहकों को देर से लेनदेन के कारण परेशान न होना पड़े।

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सभी राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा आईसीडी 2.5 प्रोटोकॉल पर काम करते हैं जो वास्तविक समय में टैग की स्थिति बताता है, इसलिए फास्टैग ग्राहक टोल प्लाजा पार करने से पहले किसी भी समय उसे रिचार्ज कर सकते हैं।

राज्यों के उच्च पथों पर कुछ टोल प्लाजा अभी भी आईसीडी 2.4 प्रोटोकॉल पर काम कर रहे हैं, जिन्हें टैग स्थिति के नियमित अपडेट की आवश्यकता होती है। जल्द ही ऐसे सभी टोल प्लाजा को आईसीडी 2.5 प्रोटोकॉल पर स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है।

फास्टैग ग्राहकों को अपने फास्टैग वॉलेट को ऑटो-रिचार्ज सेटिंग के तहत यूपीआई/करंट/बचत खाते से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि मैन्युअल तरीके से रिचार्ज की आवश्यकता खत्म हो सके। इसके अलावा, ग्राहक टोल पर पहुंचने से पहले किसी भी समय यूपीआई, नेट बैंकिंग और अन्य कई तरह के भुगतान चैनलों का उपयोग करके अपने फास्टैग को रिचार्ज करना जारी रख सकते हैं।

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