सुरेंद्र किशोर : कर्पूरी ठाकुर ने अपने पुत्र को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया

विभिन्न जन आंदोलनों के सिलसिले में ग्यारह बार
गिरफ्तारी देने वाले अपने पुत्र रामनाथ ठाकुर
को कर्पूरी ठाकुर ने अपनी पार्टी की प्रखंड शाखा
तक का अध्यक्ष नहीं बनने दिया था।
किसी मलाईदार पद की
बात कौन कहे !

कर्पूरी ठाकुर के जीवन काल में उनके पुत्र रामनाथ ठाकुर जन आंदोलनों के सिलसिले में तीन बार जेल जा चुके थे।
कुल 11 बार गिरफ्तार किए गए थे।
इसके बावजूद कर्पूरी ठाकुर ने उन्हें राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया।
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नीचे पढ़िए कर्पूरी ठाकुर ने इस संबंध में क्या लिखा था।
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‘‘मगर न तो वह पार्टी की प्रखंड समिति में है और न ही जिला समिति में।
वह राज्य समिति में भी नहीं है।
और न ही कहीं कोई पदाधिकारी है।
मैंने उसे अब तक कहीं कुछ भी बनने नहीं दिया है।
वह प्रदर्शनों,घेरावों,सत्याग्रहों,और निषेधाज्ञाओं के उलंघन में ग्यारह बार गिरफ्तार हुआ है।
जेल गया है तीन बार।
जे.पी.आन्दोलन में और इमरजेंसी में भी वह
काफी सक्रिय था।
(12 अक्तूबर, 1986)
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नोट-गिरफ्तारी और जेल -यात्रा का फर्क।
साठ के दशक में समाजवादी कार्यकर्ता की हैसियत से मैंने
जन आंदोलन के सिलसिले में दो बार अपनी गिरफ्तारी दी।
एक बार छपरा में और दूसरी बार दिल्ली में।
छपरा में गिरफ्तार हुआ तो कोर्ट उठने तक पुलिस ने हमें हिरासत में रखा।
दिल्ली में गिरफ्तार हुआ तो पुलिस ने अन्य अनेक लोगों के साथ मुझे भी तिहाड़ जेल भेज दिया था।।

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