“सोनिया गांधी एक ऐसी संस्था फोरम ऑफ द लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (FDL-AP) की सह-अध्यक्ष हैं जिसे भारत विरोधी जार्ज सोरोस फंडिंग करता है”..भाजपा का गंभीर आरोप

सदन में और संसद परिसर में, संसद के बाहर में देश के उपराष्ट्रपति एवं राज्य सभा के माननीय सभापति पर अपमानजनक टिप्पणी करना, उनके खिलाफ दुर्भावना से आरोप लगाना बहुत ही निंदनीय है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है। मैं इसकी कड़ी भर्त्सना करता हूं।

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खरगे जी को सदन में अपनी बात को रखने का भरपूर मौका दिया गया है। ऑन रिकार्ड है कि उन्होंने कहा कि आई वील नॉट स्पीक। उन्होंने वार्ता के लिए सभापति कक्ष में जाने से भी इनकार कर दिया।

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कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य, संसद में सदन की कार्यवाही में सहयोग करना है ही नहीं। उनको प्रजातंत्रिक व्यवस्था और संसदीय प्रणाली पर विश्वास नहीं है, वह अराजकता लाना चाहती है। कांग्रेस चाहती है कि संसदीय व्यवस्था में कार्य करना मुश्किल हो जाए।

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भारत के उप-राष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक पद है। उप-राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। उनकी मिमिक्री संसद परिसर में होती है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मिमिक्री करने वाले को बार-बार उकसाते हैं। इससे संसद की गरिमा को ठेस पहुंचा है।

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कांग्रेस पार्टी और उसके वरिष्ठतम नेता सोनिया गांधी इन सब पर एक शब्द नहीं बोली। ये लोग परम्पराओं को ताक पर रखने वाले लोग हैं। एक नहीं, बल्कि ऐसे अनेकों उदाहरण हैं।

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ये लोग संसद के सदन की कार्यावाही में बाधा डालने के लिए सस्पेंड हुए थे। इन लोगों ने कुर्सी पर चढ़ने, टेबल पर चढ़ने, पेपर फेंकने और संसदीय व्यवस्था के कागजातों को फाड़ने का काम किया था। ऐसे लोग संसदीय व्यवस्था के मार्यादा की बात करते हैं, यह बहुत ही हास्यापद है।

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सोनिया गांधी एक ऐसी संस्था फोरम ऑफ द लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (FDLAP) की सह-अध्यक्ष हैं जिसे भारत विरोधी जार्ज सोरोस फंडिंग करता है। देश जानना चाहता है कि सोनिया गांधी और जार्ज सोरोस का क्या संबंध है?

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जार्ज सोरोस बहुत ही स्पष्ट शब्दों में कहता है कि मैं भारत की वर्तमान व्यवस्था को डिस्टर्ब करूंगा। वह कहता है कि मोदी सरकार को गिराने के लिए फंडिंग करूंगा। देश जानना चाहता है कि ऐसे व्यक्ति जार्ज सोरोस के साथ सोनिया गांधी का क्या संबंध है?

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जॉर्ज सोरोस के साथ सोनिया गांधी के संबंध जब उजागर हुए तो इस मुद्दे को भटकाने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा उप-राष्ट्रपति एवं सदन के सभापति पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं, जो बहुत ही निंदनीय, भर्त्सनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं कांग्रेस के इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को जनता के बीच लेकर जाऊँगा।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राज्य सभा में सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज गुरुवार को संसद परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस पर देश की संसद को अकारण ठप्प करने का आरोप लगाते हुए कड़ा निशाना साधा और देशविरोधी ताकतों के साथ कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के संबंध को लेकर जोरदार हमला बोला।

 

श्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी एक वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें इतनी जानकारी होनी चाहिए कि राज्यसभा के सभापति की रूलिंग अंतिम होती है। सभापति की रूलिंग पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है। सदन के बाहर सभापति पर अपमानजनक आरोप लगाना, बहुत ही निंदनीय है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है और बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसकी भर्त्सना करता हूं।

 

राज्य सभा में सदन के नेता ने कहा कि खरगे जी को सदन में अपनी बात को रखने का भरपूर मौका दिया गया है। ऑन रिकार्ड है कि उन्होंने कहा कि आई वील नॉट स्पीक (मैं नहीं बोलूंगा)। बाद में राज्यसभा के सभापति ने उनको (खरगे जी) वार्ता करने हेतु अपने कक्ष में भी आमंत्रित किया। एक बार नहीं, उन्हें अनेकों बार सभापति कक्ष में आमंत्रित किया गया। उन्होंने सभापति कक्ष में जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आई वील नॉट कम इन द चैम्बर (मैं सभापति कक्ष में नहीं आउंगा)। इससे स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य, संसद में सदन की कार्यवाही में सहयोग करना है ही नहीं। उनको प्रजातंत्रिक व्यवस्था और संसदीय प्रणाली पर विश्वास नहीं है, वे अराजकता लाना चाहते हैं।

 

श्री नड्डा ने कहा कि वे (खरगे जी) एक तरह से सदन को ऐसी स्थिति में खड़ा करना चाहती है कि संसदीय व्यवस्था में कार्य करना मुश्किल हो जाए। मैं इस बात की भी कड़ी निंदा करता हूं कि वे (खरगे जी) बीएससी की बैठक में नहीं आए। सभापति कक्ष में हुई बैठक में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया। यह स्पष्ट बताता है कि संसद की कार्यवाही में उनका और कांग्रेस पार्टी का सहयोग कदापि नहीं है। उनके (खरगे जी) मुंह से संसदीय प्रणालियों की चर्चा करना हास्यास्पद प्रतीत होता है।

 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारत के उप-राष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक पद है। उप-राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। उनकी मिमिक्री संसद परिसर में होती है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी उस मिमिक्री की वीडियोग्राफी बनाते हैं। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मिमिक्री करने वाले को बार-बार उकसाते हुए कहते हैं कि फिर से कीजिए, फिर से कीजिए। इसे देखकर मुझे कॉलेज के दिन याद आ गए, कॉलेज के लड़के जैसे करते थे, वैसे ही संसद परिसर में हो रहा था। इससे संसद की गरिमा को ठेस पहुंचा है। कांग्रेस पार्टी और उसके वरिष्ठतम नेता सोनिया गांधी इन सब पर एक शब्द नहीं बोली। ये लोग परम्पराओं को ताक पर रखने वाले लोग हैं। ये लोग संसदीय परम्पराओं को नीचे गिराने वाले लोग हैं। एक नहीं, बल्कि ऐसे अनेकों उदाहरण हैं। ये लोग संसद के सदन की कार्यावाही में बाधा डालने के लिए सस्पेंड हुए थे। इन लोगों ने कुर्सी पर चढ़ने, टेबल पर चढ़ने, पेपर फेंकने और संसदीय व्यवस्था के कागजातों को फाड़ने का काम किया था। ऐसे लोग संसदीय व्यवस्था के मार्यादा की बात करते हैं, यह बहुत ही हास्यापद है।

 

श्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुद्दे का भटकाना चाहती है। मुद्दा बहुत ही स्पष्ट है। जार्ज सोरोस नाम का एक व्यक्ति भारत की स्थिरता का नष्ट करना चाहता है, वह देश को मुसीबत में डालना चाहता है, देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करना चाहता है और वह भारत की संप्रभुता पर भी प्रश्न खड़े कर रहा है। सोनिया गांधी एक संस्था फोरम ऑफ द लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (FDLAP) की सह-अध्यक्ष हैं। इस संस्था को जार्ज सोरोस फंडिंग करता है। देश जानना चाहता है कि सोनिया गांधी और जार्ज सोरोस का क्या संबंध है?

 

राज्य सभा में सदन के नेता ने कहा कि जार्ज सोरोस बहुत ही स्पष्ट शब्दों में कहता है कि मैं भारत की वर्तमान व्यवस्था को डिस्टर्ब करूंगा। वह कहता है कि मोदी सरकार को गिराने के लिए फंडिंग करूंगा। देश जानना चाहता है कि ऐसे व्यक्ति जार्ज सोरोस के साथ सोनिया गांधी का क्या संबंध है? इस मुद्दे से भटकाने के लिए कांग्रेस पार्टी ऐसा व्यवहार और काम कर रही है। मैं कांग्रेस पार्टी के इस व्यवहार की कड़ी निंदा और भर्त्सना करता हूं। मैं जनता के बीच कांग्रेस के इस व्यवहार को ले जाऊँगा कि कांग्रेस पार्टी ने संसदीय कार्यवाही में किस तरह से गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है। भारत की संप्रभुता एवं विकास के विरूद्ध अभियान चलाने वाले जार्ज सोरोस और कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता सोनिया गांधी के संबंध जब उजागर हुए तो इस मुद्दे को भटकाने के लिए राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा उप-राष्ट्रपति सह सदन के सभापति पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं, जो बहुत ही निंदनीय, भर्त्सनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।

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