पवन विजय : मैनिफेस्टो.. और यह काम श्रमिकों के वश का नही बल्कि बुद्धिजीवियों का काम है यह…

पेरिस कम्यून क्रांति और सोवियत रूस में जैसी क्रांति हुई वैसी ही क्रांति कम्युनिस्ट हर देश में चाहते थे लेकिन ऐसा ना हुआ। कुछ समय बाद रूस टूट गया और मार्क्सवाद वहां भी एक तरीके से असफल हो गया। फिर कम्युनिस्टों को समझ आया कि राज्य पर कब्जा करना हो तो पहले उसकी सांस्कृतिक संस्थाओं पर कब्जा किया जाय, पूंजीवाद कोई मायने नहीं है अब। देश की सांस्कृतिक संरचना के विनाश से ही साम्यवादी लक्ष्य पाया जा सकता है और यह काम श्रमिकों के वश का नही बल्कि बुद्धिजीवियों का काम है यह।

पश्चिम में मूल्यों को नष्ट करने के प्रयास में मीडिया, मनोरंजन, अकेडेमिया और साहित्य को कब्जे में लिया जाने लगा। यही काम भारत में हुआ। तथाकथित प्रगतिशील संस्थाएं बनाई गईं, फिल्मों में भारतीय संस्कृति को विरूपित किया गया। साहित्य और शिक्षा में नारीवाद, समलैंगिकता, न्यूडिटी, बहुसंस्कृतिवाद के नाम पर आतंक और धर्म परिवर्तन की वकालत और नास्तिकता को नॉर्मल बना दिया जाने लगा।

Veerchhattisgarh

वामपंथियों का मानना है कि जब तक वे लक्ष्य को प्राप्त न कर ले अर्थात राज्य पर कब्जा न कर ले तब तक उसे अपनी पहचान छिपानी चाहिए, उसे मास्क लगाकर जनता में जाना चाहिए यानी वह कलाकर, साहित्यकार और समाजसेवक मीडियाकर्मी और सेकुलर व्यक्ति के रूप में मुखौटा लगाकर लोगों का विश्वास प्राप्त करे और धीरे धीर राष्ट्रीयता, परिवार, विवाह, धर्म, और संस्कृति को उखाड़ फेंकने के लक्ष्य पर काम करता रहे।

श्री पवन विजय

जर्मनी में बहुत सारे कम्युनिस्ट इस विचारधारा का पोषण करते हैं, सिद्धांत बनाते हैं, नेक्सस तैयार करते हैं और कार्यान्वित करने के लिए दूसरे देशों में भेजते हैं। एक वामपंथी विचारक जॉर्ज लुक्कास है जो गोष्ठियों में महिलाओं को डिजायर पाने, सेक्स टैबू तो तोड़ने और अपने परिवार से विद्रोह करने का प्रशिक्षण देता था। ये सबवर्जन यानी अंतर्ध्वंश को लेकर बीस साल वाला कार्यक्रम बना रखे हैं, गुपचुप तरीके से उस पर काम चल रहा है।

इनकी पहचान के लिए, इनके मुखौटे को जानने के लिए यह मास्क मैनिफेस्टो पुस्तक लिखी गई है। अल-तकैया, छल, छद्म, षड्यंत्र पर टिके वामपंथ के विद्रूप मास्क को नोच कर उनकी वास्तविक पहचान कराना पुस्तक का मुख्य उद्देश्य है।

आपका, पवन विजय

पुस्तक के लिए लिंक..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *