अमित सिंघल : फुटबॉलर लिओनेल मेस्सी-मोदी-राहुल.. खेल-राजनीति में केवल कुशलता ही नहीं, धैर्य एवं रणनीति भी महत्वपूर्ण

अर्जेंटीना फुटबाल टीम का विश्व प्रसिद्द खिलाड़ी, लिओनेल मेस्सी, को विरोधी टीम के दो-तीन खिलाड़ी मार्क करते थे और उसके आस-पास रहते थे जिससे वह आक्रामक खेल ना दिखा सके, गोल ना कर सके।

लेकिन उनके घेरे एवं मार्किंग के बाद भी मेस्सी या फिर उसकी टीम के खिलाड़ी मेस्सी के सहयोग से गोल कर देते थे।

अतः विशेषज्ञों ने मेस्सी के पुराने मैच के वीडियो देखे एवं उसके दांव-पेंच के बारे में विश्लेषण किया।

विशेषज्ञों ने पाया कि मेस्सी फुटबाल फील्ड में अधिकतर समय चलता है, दौड़ता नहीं है। और चलना भी अपने पाले में या फुटबाल को अपने पाले की ओर ले जाता था। ऐसा लगता था कि मेस्सी किसी भी हड़बड़ी में नहीं था।

इसका परिणाम होता था कि विपक्षी टीम के दो-तीन अच्छे डिफेंडर मेस्सी के कारण अपने गोल को डिफेंड करने की जगह अर्जेंटीना के पाले में उलझे रहते थे। उन्हें संतोष मिलता था कि उन्होंने मेस्सी को उसके पाले में बाँध दिया है। लेकिन दूसरी ओर वे 11 खिलाड़ियों की जगह वे 9 से खेल रहे होते थे।

उधर मेस्सी की टीम के धाकड़ खिलाड़ी विरोधी टीम के पाले में संघर्ष करते थे, विपक्षी खिलाड़ियों से जूझते थे। वहां गैप ढूढ़ते थे या जगह बनाते थे।

मेस्सी दूर से देखता रहता था और जैसे ही उसे गैप दिखाई देता था, वह अपनी सारी ऊर्जा लगाकर ऐसी तेजी से विरोधी गोल की ओर भागता था कि विपक्षी खिलाड़ी उसे पकड़ नहीं पाते थे। कारण यह था कि उसकी ऊर्जा चलने के कारण संचित रहती थी। या फिर वह अपनी टीम के धाकड़ खिलाड़ी को पास दे देता था जिससे वे गोल कर देते थे।

भारत में भी यही स्थिति है। राहुल को लगता है कि उसने मोदी जी को राजनीती के मैदान पर 240 वाले पाले में सीमित कर दिया है। लेकिन उसे नहीं पता कि मोदी जी मैदान में अमित शाह, योगी, हिमंता, मोहन यादव, पुष्कर धामी, फड़नावीस जैसे धाकड़ खिलाड़ी के लिए स्पेस क्रिएट कर रहे है, उनके लिए मूव बना रहे है, उन्हें पास दे रहे है।

और अमित शाह, योगी, हिमंता, मोहन यादव, पुष्कर धामी, फड़नावीस गोल भी कर रहे है।

खेल में, साथ ही राजनीति में केवल कुशलता ही नहीं, धैर्य एवं रणनीति भी महत्वपूर्ण होती है।

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