अमित सिंघल : प्रधानमंत्री मोदी -“कुछ बाते सार्वजनिक कहने योग्य नहीं होने के कारण मैं मुंह को ताला लगाकर के बैठा हूं’

2 जुलाई के लोक सभा सम्बोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने अग्निवीर की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बताया है।

उन्होंने कहा कि अब युद्ध के रूप बदल रहे हैं, संसाधन बदल रहे हैं, शस्त्र बदल रहे हैं, टेक्निक बदल रही है। ऐसे में हमें हमारी सेनाओं को उसी चुनौतियों के अनुरूप तैयार करना ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। इसलिए युद्ध के सामर्थ्य वाली सेना बनाने के लिए हम भरपूर प्रयास कर रहे हैं, रिफॉर्म कर रहे हैं, सेना को आधुनिक बनाया जा रहा है जिससे सेना हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब दे सके।

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हमारी देश की सेना युवा होनी चाहिए। सेना दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए होती है (इस वाक्य को पुनः पढ़िए – अर्थात सेना का कार्य स्थाई नौकरी देना नहीं है)। सेना में युवाओं की ताकत बढ़ानी चाहिए और इसलिए हम लगातार युद्ध योग्य सेना बनाने के लिए रिफॉर्म कर रहे हैं। समय पर रिफॉर्म न करने के कारण हमारी सेना का बहुत नुकसान हुआ है।

लेकिन ये बाते सार्वजनिक कहने योग्य नहीं होने के कारण, झूठे आरोप सहकर के भी मैं मुंह को ताला लगाकर के बैठा हूं।

बीते कुछ सालों में बहुत सारे रिफार्म हुए है । सीडीएस का पद बनने के बाद इंटीग्रेशन और सशक्त हुआ है। लंबे समय से युद्ध शास्त्रों के विद्वानों का मत था कि भारत में theatre command (एक ऐसा संयुक्त कमांड है जिसमे थल सेना, नौ सेना एवं वायु सेना के संसाधनों को एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर के अधीन रखा जाता है) जरूरी है। आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि सीडीएस व्यवस्था बनने के बाद देश में सुरक्षा के लिए जरूरी theatre command की दिशा में प्रगति हो रही है।

ऐसे समय देश की सेना को आधुनिक बनाना, सशक्त बनाने के समय कांग्रेस क्या कर रही है? ये झूठ फैला रहे हैं। ये डिफेंस रिफॉर्म्स के प्रयासों को कमजोर करने का षड्यंत्र कर रहे हैं।

दरअसल कांग्रेस के लोग कभी भी भारतीय सेनाओं को ताकतवर होते नहीं देख सकते। कौन नहीं जानता कि नेहरू जी के समय देश की सेनाएं कितनी कमजोर होती थी। हमारी सेनाओं में कांग्रेस ने जो लाखों करोड़ों के घोटाले किए वही तरीका था जिसने देश की सेना को कमजोर किया है। ये देश की सेनाओं को कमजोर किया।

जल हो, थल हो, नभ हो, सेना की हर आवश्यकता में इन्होंने देश आजाद हुआ, तब से भ्रष्टाचार की परंपरा बनाई। जीप घोटाला हो, पनडुब्बी घोटाला हो, बोफोर्स घोटाला हो, इन सारे घोटालों ने देश की सेना की ताकत को बढ़ने से रोका है। वो भी एक वक्त था जब कांग्रेस के जमाने में हमारी सेनाओं के पास बुलेट प्रूफ जैकेट भी नहीं हुआ करते थे।

जब ये कांग्रेस सरकार में थे तो फाइटर जेट नहीं लिए और जब हमने कोशिश की तो कांग्रेस हर तरह की साजिश पर उतर आई। फाइटर जेट एयर फोर्स तक न पहुंच पाए, इसके लिए साजिशें की गईं और ये बालक-बुद्धि देखिए कि राफेल के छोटे-छोटे खिलौने बना करके उड़ाने में मजा लेते थे, देश की सेना का मजाक उड़ाते थे।

कांग्रेस ऐसे हर कदम का हर रिफॉर्म का विरोध करती है, जो भारत की सेना को मजबूती दे, भारत की सेना को मजबूत बनाएं।

अब कांग्रेस के लोगों को ये पता चल गया है कि हमारे नौजवानों की ऊर्जा, हमारे सैनिकों का आत्मबल ही हमारे सशस्त्र बलों की सबसे बड़ी शक्ति है और अब इस पर हमला करके और सेना में भर्ती को लेकर सरासर झूठ फैलाया जा रहा है ताकि देश के नौजवान, देश की रक्षा करने के लिए सेना में न जाएं, उनको रोकने के लिए षड्यंत्र हो रहा है।

मैं जानना चाहता हूं, आखिर किसके लिए कांग्रेस हमारी सेनाओं को कमजोर करना चाहती है? किसके फायदे के लिए कांग्रेस वाले सेना के संबंध में इतना झूठ फैला रहे हैं?

वन रैंक वन पेंशन को लेकर के देश के वीर जवानों को उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया गया। इंदिरा गांधी ने वन रैंक वन पेंशन की व्यवस्था को खत्म किया था। दशकों तक कांग्रेस ने इस वन रैंक वन पेंशन को लागू नहीं होने दिया और चुनाव जब आए तो 500 करोड़ रुपया दिखाकर सेवा से निवृत्त सेना नायकों को मूर्ख बनाने की कोशिशें भी की गईं।

एनडीए सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू की और भारत के पास संसाधन कितने भी सीमित क्यों न हो लेकिन उसके बावजूद भी, कोरोना की कठिन लड़ाई के बावजूद भी एक लाख बीस हजार करोड़ रुपए हमारे पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन के रूप में दिये गए।

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