पवन विजय : अब वह पुलिस नहीं जो घटना के घटने के बाद पहुंचती..
आज Ajeet Bharti को गिरफ्तार करने के लिए कर्नाटक पुलिस नोएडा आई थी। अभी मनीष कश्यप का केस हुआ ही था। इस घटना के पीछे की एक और घटना है जब पंजाब पुलिस कुमार विश्वास और तेजिंद्र बग्गा को पकड़ने के लिए आई थी, इससे भी पहले अर्णव गोस्वामी को महाराष्ट्र पुलिस पकड़ कर ले गई थी।
इस घटना के निहितार्थ की चर्चा कर लें, मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का राग अलापने वाली कांग्रेस और सहयोगियों की नैतिकता किस स्तर की है। कांग्रेस और उसके सहयोगी अपने विरोधियों के प्रति कितने निर्मम हैं!
भाजपा अब राष्ट्रवादी स्वर को डिफेंड करने लगी है यह सुखद है। जैसे अजीत भारती के घर कर्नाटक की पुलिस पहुंची, तत्काल यूपी पुलिस ने मामले को डाइल्यूट कर दिया अन्यथा बहुत गलत हो जाता। अजीत भारती वर्तमान समय में राष्ट्रवादियों में सबसे अधिक तथ्य परक और दम खम के साथ वामपंथियों की हैया दैया करते हैं। काँग्रेडियों के झूठ और भालू की पूंछ को किसी ने पकड़ कर नचाया तो वह अजीत भारती ही हैं।
ऐसे समय में जब अरुंधति राय को लेकर दरबारी मीडिया का श्वान रुदन चल रहा है, अजीत भारती को जेल भेज कर कर्नाटक सरकार मामले को फिफ्टी फिफ्टी करना चाहती थी पर थैंक्स टू योगी जी जिन्होंने बता दिया कि यूपी पुलिस अब वह पुलिस नहीं जो घटना के घटने के बाद पहुंचती है।
सभी राष्ट्रवादी अजीत भारती के साथ हैं।