कौशल सिखौला : भारत के अस्तित्व से खिलवाड़ करने की मंशा पाले राजनीतिक टूल्स की पहचान
भारतवर्ष के दो सबसे बड़े शत्रु हैं , चीन और पाकिस्तान । ये दोनों देश का हर समय नुकसान करना चाहते हैं , समय मिले तो करते भी हैं । चीन तो पड़ौसी देशों को सीधे हड़पना ही चाहता है । परंतु पाकिस्तान घुसपैठ के जरिए जब भी मौका मिले अपनी करनी से बाज नहीं आता । इन दोनों देशों से हमारे देश को खतरा है।
लेकिन इनसे भी बड़ा खतरा राजनीति की आड़ में अथवा राजनीति का दुशाला ओढ़कर बैठे कुछ भितरघाती तत्वों से है । ये तत्व गुपचुप तरीकों से भारत को खंडित करना चाहते हैं । देश के तीन टुकड़े करने के बावजूद इन्हें चैन नहीं मिला । ये देशद्रोही तत्व राजनीति से संरक्षण प्राप्त करते हैं , विदेशों से मोटी रकम लेते हैं , दुनियाभर में टूल्स और टूल किट्स खड़े करते हैं , दुश्मन ताकतों के एजेंट बनकर भारत के प्रत्येक क्षेत्र में पैठ बनाकर रखते हैं।
गौर से देखिए और पहचानिए राजनीति में छिपे इन चेहरों को । इन्हें राष्ट्रवाद से नफ़रत है , भारतीयता से नफरत है और नफरत है सनातन से , हिन्दुत्व से । ये तत्व चाहते हैं कि कश्मीर पाकिस्तान के पास चला जाए , पंजाब खालिस्तान बन जाए , बंगाल की डेमोग्राफी केरल की तर्ज पर पूरी बदल जाए , सीमावर्ती पहाड़ी राज्यों की डेमोग्राफी दुश्मन देशों के मनमाफिक हो जाए।
ये कौन लोग हैं ? ये राजनीति के पहचाने चेहरे हैं , पर उनकी मंशा सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं , कुछ और भी है । भारत के अस्तित्व से जो खिलवाड़ करना चाहते हैं , हमें उनका नाम बताने की जरूरत नहीं , आप खुद ही पहचानिए । हमारा पक्का यकीन है कि कुछ को आप पहचानते भी हैं और कुछ को जल्द ही पहचान भी जाएंगे । यदि पहचानते हैं तो कीजिए उन्हें बेपर्दा ? कब तक छिपाएंगे ? यूं तो उनके कारनामें ही उनके मुखौटे उतार देते हैं । पर आप चुप क्यों हैं , मुख से नहीं बोलते तो ईवीएम का बटन दबाते हुए बोलिए ?
अब गौर से देखिए , क्या खेल शुरू हुआ है । जेल से बाहर आए एक नेता ने अचानक कहना शुरू कर दिया कि मोदी जाएंगे , अमित शाह पीएम बनेंगे , दो महीने में योगी यूपी के सीएम नहीं रहेंगे । अब उनकी बुद्धि पर सब तरस खा रहे हैं , लेकिन वे बोले जा रहे हैं । यूपी के एक बडबोले नेता भी दिल्ली वाले का समर्थन करने लगे । बोले योगी चार दिनों बाद सीएम नहीं रहेंगे । उनकी फालतू बयानबाजी का कोई संज्ञान तक नहीं ले रहा । वे बोले जा रहे हैं , लोग सुनते हैं , हवा में उड़ा देते हैं।
न जानें तमाम राजनीतिक टूल्स हिन्दी भाषी राज्यों में कहां से भर गई ? इन शक्तियों का वर्चस्व जिस दिन राजनीति के माध्यम से देश की सत्ता पर हुआ , यकीन मानिए बहुत बड़े अनिष्ठ के मार्ग खुल जाएंगे । यह ठीक है कि तोड़ने वाले से जोड़ने वाला बड़ा है और मारने वाले से बचाने वाला बड़ा है । इस देश की जीवटता का सबसे बड़ा प्रमाण जनता की जीवनशक्ति है । चुनाव के रास्ते जो ताकतें देश को टुकड़े टुकड़े करना चाहती हैं , उनकी पराजय जरूरी है । आखिर सवाल दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश की अस्मिता का है । याद रहे , यह चुनाव है , कोई मजाक बात नहीं है।