नमो भारत : भाग-06..मिशन मोड में जनजाति समाज के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारपरक विकास का लक्ष्य

भारत में पूर्ववर्ती गैर भाजपाई सरकारों ने जनजातीय समाज के योगदान को नकारा है। इसके विपरीत जनजातीय समाज के योगदान को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जनजातीय कल्याण को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिस तरह से जनजातीय समाज की कला-संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को गौरव को सम्मान दिया है, आजादी के बाद इससे पहले कभी नहीं दिया गया। आज मोदी सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं में जनजातीय आबादी वाले आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता दी जा रही है।

जनजातीय गौरव दिवस जनजातीय लोगों के एक अन्य ऐतिहासिक अवसर यह है कि जनजातीय गौरव की खुशी मनाने और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में घोषित किया गया है। अब हर साल 15 नवंबर को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाया जाएगा।

बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनजातीय क्षेत्रों में गरीब और कमजोर आबादी को किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें वित्तीय और तकनीकी सहायता दी जा रही है। सरकार ने 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के मिशन के तहत जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्ष की आयु के 7 करोड़ लोगों की जांच का क्रम लगातार चल रहा है और उन्हें जरूरी उपचार-परामर्श प्रदान किए जा रहे हैं।

पीवीटीजी विकास पर फोकस

मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में में एक समग्र दृष्टिकोण के साथ जनजातीय मानव संसाधन के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कुछ समय पूर्व कहा था कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के विकास को पहली बार फोकस क्षेत्र के तहत शुरू किया गया है।

जनजातीय कार्य मंत्रालय 5 छात्रवृत्ति योजनाओं को लागू करता है, जिनके तहत प्रति वर्ष 30 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। इसका सालाना बजट 2500 करोड़ रुपये से अधिक है। पारदर्शिता और बिना परेशानी के समय पर इसका वितरण हो, इसके लिए इन छात्रवृत्तियों का भुगतान डीबीटी मोड में किया जाता है।

प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन, पीवीटीजी परिवारों को प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। पीवीटीजी के सदस्यों की शिक्षा पर जोर दिया गया है। इस समूह के सामाजिक-आर्थिक विकास के मद में अगले तीन वर्षों के लिए 15,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह पहली बार है कि पीवीटीजी समूहों के लिए डेटा केंद्रित मानव विकास सूचकांक के साथ पीवीटीजी के लिए एक विशेष योजना तैयार की गई है, जिसका लक्ष्य समुदाय का समग्र विकास करना है।

पीवीटीजी सदस्यों ने पहली बार किया राष्ट्रपति भवन का दौरा

अर्जुन मुंडा ने बताया था कि यह एक ऐतिहासिक अवसर था, जब 12 और 13 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में 75 पीवीटीजी समुदायों में से प्रत्येक के 20-20 सदस्यों को आमंत्रित किया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें संसद के सेंट्रल हॉल में संबोधित कियाथा। अपने पारंपरिक परिधानों में सजे पीवीटीजी ने अपने देश की राजधानी में मौजूद होने का पहला अनुभव प्राप्त किया। आजादी के बाद 75 वर्षों में पहली बार देश के राष्ट्रपति ने उनसे राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।

एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूलों की स्थापना

जनजातीय लोगों की शिक्षा के लिए केंद्र सरकार 740 एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल (ईएमआरएस) की स्थापना कर रही है। यह स्कूल 3.5 लाख जनजातीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे। अगले तीन वर्षों में 740 ईएमआरएस के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की केंद्रीय स्तर पर भर्ती की जाएगी। छात्र अपनी जड़ों से अलग न हो, इसके लिए ये स्कूल उन्हें स्थानीय भाषाओं में शिक्षा देंगे।

जनजातीय कार्य मंत्रालय 5 छात्रवृत्ति योजनाओं को लागू करता है, जिनके तहत प्रति वर्ष 30 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। इसका सालाना बजट 2500 करोड़ रुपये से अधिक है। पारदर्शिता और बिना परेशानी के समय पर इसका वितरण हो, इसके लिए इन छात्रवृत्तियों का भुगतान डीबीटी मोड में किया जाता है।

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय देश भर में कम से कम 50 प्रतिशत जनजातीय आबादी वाले 36000 से अधिक गांवों और 500 एसटी को मॉडल जनजातीय गांवों में विकसित करने के लिए कार्य कर रहा है। इससे जनजातीय गांवों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन

प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) देश भर में वन धन विकास केंद्र और वन धन उत्पादक उद्यम के माध्यम से आजीविका संचालित जनजातीय विकास हासिल करना चाहता है। इसके अलावा राज्यों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लघु वन उपज (एमएफपी) की खरीद के लिए सहायता दी जा रही है। इसे लागू करने का जिम्मा ट्राइफेड को दिया गया है। इसके प्रयासों से एमएफपी योजना में एमएसपी के तहत कवर किए जाने वाले एमएफपी की कुल संख्या 87 हो गई है।

ट्राइफेड ने वर्ष 2017-18 में देश भर के सभी प्रमुख शहरों में ‘आदि महोत्सव’-शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और वाणिज्य का उत्सव” आयोजित करने की एक नई पहल शुरू की। “वोकल फॉर लोकल” के मिशन को ध्यान में रखते हुए ट्राइफेड ने इस साल 16 से 27 फरवरी, 2023 तक मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में आदि महोत्सव का आयोजन किया। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।

जनजातीय गौरव दिवस

जनजातीय लोगों के एक अन्य ऐतिहासिक अवसर यह है कि जनजातीय गौरव की खुशी मनाने और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में घोषित किया गया है। अब हर साल 15 नवंबर को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाया जाएगा।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के बजट में वृद्धि

देश भर में अनुसूचित जनजाति समुदायों के विकास के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय के वार्षिक बजट में निरंतर वृद्धि की जा रही है। 2023-24 के लिए मंत्रालय को 12461.88 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है, जो 2013-14 के 4295.94 करोड़ रुपये के बजट की तुलना में तीन गुना अधिक है। अनुसूचित जनजाति घटक निधि के बजट आवंटन में 5 गुना की वृद्धि की गई है। 2013-14 के दौरान आवंटन 24,598 करोड़ रुपये था, जिसे 2023-24 के दौरान बढ़ाकर 1,19,509 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

पिछले 9 वर्षों में राज्यों को विभिन्न योजनाओं के तहत 5000 से अधिक परियोजनाओं के लिए 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की गई है और राज्यों को उचित योजना निर्माण और निगरानी के साथ इन योजनाओं का अमल में लाने के निर्देश दिए गए हैं।

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