मनीष शर्मा : LIC-अडानी अफवाहों के एक वर्ष बाद आज की स्थिति ये है…

पिछले साल यही समय याद कीजिये…पूरे देश में बवाल हो रहा था.. जनवरी में अमेरिका के short seller Hindenburg Research की रिपोर्ट आई थी अडानी Group के बारे में

रिपोर्ट में बताया गया था कि अडानी group ने कथित रूप से कुछ घोटाले किये हुए हैं… और इस group में सरकारी कंपनियों, जैसे LIC ने बहुत ज्यादा निवेश किया हुआ है.

_मनीष शर्मा

जैसी ही यह रिपोर्ट आई… भारतीय विपक्ष ने तो बुक्का फाड़ के रोना शुरू कर दिया… हाए मोदी ने LIC बेच दी… हाय अडानी LIC खा गया… हाए हमारे मेहनत का पैसा खा गया अडानी… हाए ये हाए वो.

Market में negative sentiment बना, अडानी group की सभी कंपनियों को जबरदस्त नुकसान हुआ… अडानी की Networth आधे से भी कम हो गई.

विपक्ष, उनके पत्रकार और Social Media Experts ने घोषित कर दिया था कि LIC डूब रही है… जबकि LIC का अडानी Group में exposure बहुत ही कम था.. इतना कम कि अगर एक बार को सारा पैसा डूब भी जाए, तो भी LIC की सेहत पर फर्क ना पड़े.

लेकिन इतना यहाँ सुनता समझता कौन है….. हल्ला मचना जारी था…. घर घर में लोग आशंकित थे कि अब उनकी LIC Policy का क्या होगा.. उनके Investment का क्या होगा.

वहीं विपक्ष इन मुद्दों पर सड़क से संसद तक बेवजह के प्रदर्शन करके आम जनता को ना सिर्फ भ्रमित कर रहा था बल्कि उनमे नकारात्मकता भी भर रहा था.

आज एक साल बाद जानते हैं क्या स्थिति है??

LIC ने अडानी group की 7 कंपनियों में Invest किया था….. और यह रकम थी Rs 38,471 करोड़ (as on March 31, 2023) और एक ही साल में यह बढ़ कर Rs 61,210 करोड़ हो गई है as on March 31, 2024.

LIC को अडानी group की कंपनियों में invest करने से मात्र एक साल में ही Rs 22,378 करोड़ का फायदा हुआ है.

इसलिए कहते हैं… विपक्षी दलों के अफवाहों पर मत जाओ.. अपनी अक्ल लगाओ.

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