कौशल सिखौला : देशवासियों को चिढ़ाया जा रहा है गठबंधन की सरकार आई तो…
प्रधानमंत्री ने चुनावी सभाओं में त्यौहार में मांसाहार का सवाल खड़ा कर विपक्षी राजनीति को कटघरे में खड़ा कर दिया है । चिढ़ाने के लिए तेजस्वी यादव ने जो खेला था , वह दांव उन पर ही नहीं , इंडी वालों पर भी खासा भारी पड़ गया है । नवरात्र और चुनाव के समय बापू बेटे लालू और तेजस्वी के कारण मांसाहार के मुद्दे गरमा गए हैं । इसके दोषी तेजस्वी हैं जिन्होंने जानबूझकर मछली खाते हुए इस वीडियो को वायरल किया।
उन्होंने केवल वीडियो ही जारी नहीं किया अपितु हिन्दू समाज के करोड़ों भगवती भक्तों से यह भी पूछ लिया कि मिर्ची लगी क्या ? इससे पूर्व सावन के महीने में लालू यादव से मटन पकाना सीखते हुए राहुल गांधी ने भी एक वीडियो पोस्ट किया था । मकसद उनका भी वही था कि देखो तुम कांवड़ उठा रहे हो , शिव को ध्या रहे हो , शिवरात्रि व्रत रख रहे हो । और हम ? हम मौज उड़ा रहे हैं , मटन खा रहे हैं।
तो क्या करें ? सब की सोच अपनी , बुद्धि अपनी और खयाल अपना । उन्हें लगा होगा कि हिन्दू सनातनधर्मियों को चिढ़ाने से दूसरे वोट थोक में मिल जाएंगे । ठीक भी है । वक्त अब भी चुनाव का है तब भी चुनाव का था । तो राहुल और लालू एंड संस को जो ठीक लगा वह किया । दुनिया में केवल भारत ही ऐसा इकलौता देश है जहां करीब 50 करोड़ लोग शाकाहारी हैं । मतलब मोटे मोटे 90 करोड़ लोग मांसाहारी । दुनिया का और एक भी देश नहीं जहां शाकाहार , त्यौहार , व्रत , उपासना का कोई मोल है । तो लालू , तेजस्वी और राहुल जो कर रहे हैं वह ठीक हो सकता है । बस टाइमिंग गलत है।
यह गलती कईं बार हुई है , अब लगभग रोजाना हो रही है । राम मंदिर के निमंत्रण पत्र चुपचाप नहीं , बकायदा ” हम नहीं जाएंगे ” की घोषणा कर ठुकराए गए थे । देशवासियों को यह कहकर चिढ़ाया जा रहा है कि गठबंधन की सरकार आई तो 370 वापस आएगी , तीन तलाक़ का अधिकार फिर से देंगे , यूसीसी और सीएए हटाएंगे , मोदी सहित बीजेपी के तमाम नेता जेलों में ठूंसे जाएंगे । मतलब किसी भी तरह वोट बटोरो , चाहे त्यौहार में मछली खाने का वीडियो ही क्यों न परोसना पड़े।
तेजस्वी यहीं पर नहीं रुके । अगले दिन अपने उसी मछली वाले साथी के साथ संतरे खाते हुए वीडियो डाला । यह कहते हुए कि संतरे के भगवा से तो मिर्ची नहीं लगी न ? अब बेवजह फंस गए और अब सफाई पर उतर आए हैं । मांसाहार से किसी को शिकायत नहीं । शिकायत हरकत से है , जिस पर पूरा इंडी गठबंधन मौन बैठा है । दुनिया और भारत में नॉन वेज खाने वाले बहुतायत में हैं । शाकाहारी और वीगन तो बहुत कम है । बात बड़े त्यौहार पर उपहास की है , चिढ़ाने की है।
प्रधानमंत्री ने इसको मुद्दा बनाकर उछाल दिया। ऐसे संवेदनशील विषय चुनाव में बहुत भारी पड़ जाते हैं।