डॉ. भूपेंद्र सिंह :भाजपा उन लोगों के लिए समस्या पैदा कर रही है जो…

भाजपा एवं सहयोगियों को उत्तर प्रदेश में पिछले दो चुनावों से लगभग 50-51% वोट प्राप्त हो रहा है। उत्तर प्रदेश में सीधे सीधे 19% मुसलमान हैं जिनका वोट भाजपा को किसी भी हालत में नहीं मिलता है। इसी तरह 8-9% यादव हैं इसमें से भी अधिकतम 2% वोट भाजपा को मिलता है जबकि शेष वोट सपा के लिए रिज़र्व है। इस प्रकार यादव और मुसलमान यहीं दोनों मिलाकर कुल 100% वोटों में से 25% वोट भाजपा का घटाते हैं।


इसके बाद उत्तर प्रदेश में बड़ी आबादी दलितों की है जो कि 20.7% हैं। इनका भी ख़राब से ख़राब हालत में 33-40% वोट बसपा को जाता है, यानी हम भाजपा के लिए अधिकतम फ़ेवरेबल कंडीशन की कल्पना करें तो भी इधर से 7% वोट बहन जी की तरफ़ डाइवर्ट हो जाता है। अब हम मुस्लिम, यादव और दलित इन तीनों को जोड़ लें तो ये मिलकर कुल 100% वोटों में से भाजपा का 32% वोट घटाते हैं।
सभी सर्वे मानते हैं कि इस बार भाजपा एवं सहयोगी दल मिलकर 52% वोट पाने वाले हैं जबकि इंडिया गठबंधन अधिक से अधिक 40% वोट पाने वाला है।
अब हम इस गणित को आगे बढ़ाते हैं। यादव मुस्लिम दलित मिलाकर आबादी का 48% बना रहे हैं जहां से भाजपा का कुल 16% वोट आ रहा है, बाक़ी समाज बचा 52%।
भाजपा का शेष 36% वोट मात्र इसी 52% समाज से आता है जिसमें ब्राह्मण, ठाकुर, जाट, गुजर, कुर्मी, कोइरी, लाला, बनिया, मल्लाह, राजभर आदि सब शामिल हैं। जिसका स्पष्ट अर्थ यह है कि उपरोक्त सभी समाज के 70% लोग सीधे सीधे भाजपा को वोट करते हैं। बहुत अंतर आएगा तो कोई समाज भाजपा को 85 प्रतिशत वोट करता होगा तो कोई 60%, लेकिन सभी जातियों से बहुसंख्यक वोट भाजपा को ही मिल रहा है। इसलिए कोई जाति यह कहे कि फला जाति भाजपा को वोट देती है और फला नहीं तो ये सब झूठ है। भाजपा को सभी पिछड़ी और सवर्ण जातियों का औसतन 70% वोट मिल रहा है। ये मिलता रहेगा। भाजपा हिंदू आइडेंटिटी बना रही है जो उन लोगों के लिए समस्या पैदा कर रही है जो जातीय आइडेंटिटी को प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं लोग सारी समस्या खड़ी कर रहे हैं।
साधारण गणित है, आप लोग भी लगाकर देखिए।

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