मनीष शर्मा : जितनी आबादी उतना हक़ Formula से आपकी नौकरी, संपत्ति ऐसे छीन ली जाएगी…!
कांग्रेस अब समाजवाद के नाम पर Radical Communism को आत्मसात कर रही है..!
पहले Caste का survey करेंगे… फिर Financial और Institutional सर्वे करेंगे… और उसके बाद जितनी आबादी उतना हक़ के हिसाब से नौकरियां दी जाएंगी.. और फिर Financial सर्वे के हिसाब से Wealth को Distribute किया जायेगा.
सुनने में यह बहुत अच्छा लगता है…..एक Ideal Situation लग रही है… लेकिन क्या यह संभव है??
मान लीजिये आपने आज से 25 साल पहले नौकरी शुरू की होगी….1999-2000 में…. पिछले 25 साल में आपने घर ले लिया(loan भी चुका दिया).. गाड़ी ले ली… आपके पास ठीक ठाक बैंक बैलेंस बन गया… आपने कुछ पैसा Mutual Fund में डाल रखा है.. जो अब ठीक ठाक बन गया है… PF में आपके अच्छा खासा पैसा हो गया होगा…. इसके अलावा थोड़ा पैसा आपने Stocks में लगा रखा है.
यह सब जोड़ दिया जाए…..तो आप भारत के 90-95% लोगों से अमीर माने जाएंगे.
अब अगर आप सामान्य वर्ग से हैं… तो सबसे पहले तो जितनी आबादी उतना हक़ Formula से आपकी नौकरी छीन ली जायेगी… आप सरकारी में हों या private में… Doesnt Matter
चलिए ये भी झेला जा सकता है… वैसे भी आप 50 की उम्र में हैं…. रिटायर होना ही था.
लेकिन अब जो Financial Survey के नाम पर Wealth Distribution वाली बकैती होगी… उससे कैसे बचोगे.
आपके पास 90-95% भारतीयों से ज्यादा पैसा है…. तो क्या आपकी संपत्ति, बैंक बैलेंस, stocks, mutual fund, PF आदि का पैसा लोगों में बाँट दिया जायेगा… क्या आपका घर बेच कर उसे कथित गरीबों में बाँट दिया जायेगा??
Well…. Communism में यही होता है…. Maoist आतंकवादी ऐसे ही न्याय देते हैं. और विपक्ष भी उसी रास्ते पर चल रही है.
आपको हो सकता है यह Exaggeration लग रहा हो….. लेकिन Exaggeration की सभी सीमाएं तो भारत के विभाजन ने भी तोड़ी थीं…. जिसमें लाखों अच्छे खासे घर के लोग कुछ ही घंटो में भिखारी बन गए थे…. Exaggeration तो Emergency भी लगता था… लेकिन उन दो सालों में भी आपके सभी नागरिक अधिकार 10 जनपथ के टॉयलेट की खूटी पर टांग दिए गए थे.
Exaggeration तभी तक Exaggeration लगता है.. जब तक वह घटित नहीं होता… जब वो होता है.. तब झेलना पड़ता है.