ध्रुव कुमार : 2024 में मोदी.. क्योंकि अब ब्रिटिश वरदान का अंत हो गया है…
कांग्रेस हालत इस समय विलियम-शेक्सपियर के ट्रेजिक हीरों “मैकबेथ” की तरह हो गई है और वामपंथियों की स्थिति उसकी पत्नी लेडी-मैकबेथ की तरह है …
मैकबेथ स्कॉटलैंड के राजा ‘डंकन’ का महत्वपूर्ण योद्धा था।एक बार उसे तीन चुड़ैलों ने वरदान दिया कि .. “तुम स्कॉटलैंड के राजा बनोगे” …
मैकबेथ और उसकी पत्नी मिलकर राजा को मार देते हैं, साथ ही अपने उन मित्रों को भी खत्म कर देते हैं जिनसे उन्हें भय होता है …
कहानी लम्बी है, लेकिन अंत में मैकबेथ भी मारा जाता है और उसकी पत्नी पागल होकर आत्महत्या कर लेती है ..
यदि देखा जाए तो कांग्रेस को ब्रिटिश नामक चुड़ैल ने वरदान दिया था कि “भारत पर एकछत्र राज्य कांग्रेस और नेहरु परिवार का होगा” …
और वामपंथी हमेशा से कांग्रेस की पत्नी की तरह उसके कुकर्मों में साथ देते रहे हैं …
कांग्रेस ने पहले सुभाष चंद्र बोस को रास्ते से हटाया। उन्हें मरा हुआ घोषित कर दिया … उनके परिवार की जासूसी करवाई और वामपंथियों ने कांग्रेस के कुकर्मो का साथ दिया।
वामपंथियों ने क्रांतिकारियों को आतंकवादी और फ़्रिज एलिमेंट बताकर खारिज कर दिया …
कांग्रेस और नेहरूजी को जब तक जरूरत थी तब तक उन्होंने गाँधीजी की मदद ली ..
बाकी गाँधीजी की सुरक्षा को जानबूझकर कमजोर क्यों किया गया ?? … इस पर बहुत से तथ्य हैं …
क्योंकि अपने अंतिम समय में गाँधीजी स्वयं कांग्रेस के खिलाफ थे … वे नही चाहते थे कि कांग्रेस स्वतंत्रता संग्राम की विरासत का राजनीतिक लाभ उठाएं, इसीलिए वे कांग्रेस को समाप्त करना चाहते थे …
गाँधीजी की हत्या से सबसे ज्यादा किसे लाभ हुआ ? यह बताने की आवश्यकता नहीं है।।
इसी प्रकार लाल बहादुर शास्त्री जी की हत्या के बारे में जितने तथ्य निकल कर आए हैं .. वे बहुत कुछ साबित करते हैं .. और शास्त्री जी के बाद किसको इससे लाभ हुआ ??
एक देश का प्रधानमंत्री विदेश में मर जाता है। उसका पूरा शरीर नीला पड़ जाता है स्प्ष्ट तौर पर षड्यंत्र की बू आती है लेकिन इसके बाद भी पोस्टमार्टम तक नही किया जाता ।।
अर्थात एक देश का प्रधानमंत्री विदेश में मर जाता है और कोई जांच नही है ?? क्या इसके पीछे षड्यंत्र की बू नही आती है??
और संघ और बीजेपी को तो कांग्रेस और वामपंथी फूटी आंखों नही देखना चाहती है ..
अटलजी से लेकर मोदीजी तक को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने हर हथकंडा अपनाया है ..
मोदीजी को तो कांग्रेस तब से हटाना चाहती थी जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे … जब हर हथकंडा अपनाकर भी कांग्रेस मोदीजी को नही फँसा पाई और वे दो दो बार देश के प्रधानमंत्री बन गए तो अब कांग्रेस की हताशा अपने चरम पर है ..
इसीलिए वो कुछ भी कर सकती है … लेकिन कांग्रेस को ब्रिटिश चुड़ैलों ने जो वरदान दिया था उसकी समय सीमा अब समाप्त हो चुकी है …
अब कांग्रेस का अंत भी मैकबेथ की तरह होगा और वामपंथी लेडी मैकबेथ की तरह पागल हो कर अपना अंत करेंगे …
उत्तर प्रदेश में 2022 में योगीजी पुनः आएंगे और 2024 में मोदीजी इतनी सीटें पाएंगे कि कांग्रेस को संसद में पैर रखने की जगह नहीं मिलेगी …
क्योंकि अब ब्रिटिश वरदान का अंत हो गया है …
(वर्ष 2021 का पुरा लेख।)