कौशल सिखौला : PM मोदी से नफरत के कारण.. और परिणाम…!
आइए बिना कोई लागलपेट किए सीधे सीधे पीएम नरेंद्र मोदी की बात करते हैं ,,,
वह इसलिए चूंकि एक वर्ग मोदी को सारी उपलब्धियों का कारण मानता है तो दूसरा वर्ग उन्हें तमाम मुसीबतों की जड़…

देश में जितने भी लोग प्रधानमंत्री से नफरत करते हैं , उनमें से 90% इसलिए करते हैं कि उनके आने से देश की जनता में आध्यात्मिक मूल्यों की वापसी हुई है । खासकर देश की युवा पीढ़ी में सुप्त हो चुका धार्मिक ज्ञान नए सिरे से जाग उठा है । युवा पीढ़ी को राम कृष्ण और शिव का तत्वज्ञान भी हुआ है और वेद उपनिषद पुराण रामायण आदि के मूल्यवान वैभव का पता भी चला है ।
अपने तमाम मूल्यों को भुला चुका सिनेमा , फैशन और ग्लैमर वर्ल्ड भी यदि अचानक आध्यात्मिक वैभव से चमत्कृत हुआ है तो इसके पीछे नरेंद्र मोदी का आगमन ही है । यह तय है कि दस वर्ष पूर्व यदि नरेंद्र मोदी का राष्ट्रीय क्षितिज पर उदय न हुआ होता तो भारत को फिर से दासता की बेड़ियों में जकड़ने की मुहीम एक न एक दिन कामयाब हो जाती । मोदी के प्रति राजनीति विशेष ने नफ़रत का पहाड़ इसीलिए खड़ा किया है चूंकि उनके आने से विपक्ष के छद्मवाद का घड़ा बीच चौराहे फूट गया है ।
योजनाबद्ध ढंग से पश्चिमी एवं वामपंथी रंग में रंगे इतिहासकारों ने भारत के अति समृद्ध वैभव को धीरे धीरे कुछ इस तरह बदल डाला कि जमाना बदलने का पता भी न चला । हमारे महान भारतवर्ष में ऋषि मुनियों जैसे वैज्ञानिकों द्वारा संजोए गए महान ज्ञान को कल्पना और थोथा पढ़ाया जाने लगा । अकबर महान हो गया , महाराणा प्रताप घास फूंस खाने वाले जंगल पुरुष हो गए ।
एक एक कर तमाम धार्मिक स्थल तोड़ने वाला , सवा मण जनेऊ रोज तुड़वाने वाला औरंगजेब दयालु बादशाह हो गया और उसे सबक सिखाने वाले वीर शिवा उपेक्षित हो गए । युगों से आनंद पूर्वक रह रहा सनातनी भारत उपद्रवी बता दिया गया और हिंदुकुश पर्वत के उस पार से आए लुटेरे मसीहा हो गए । सात समंदर पर से व्यापारी बनकर आए डाकू अंग्रेज सभ्य हो गए और दुनिया को खगोल देने वाले भारतीय जादू टोने वाले असभ्य ।
नरेंद्र मोदी ने भारत को न सिर्फ भारत में स्थापित किया अपितु विश्व में भी प्राचीन आयावर्त की कीर्तिपताका फहरा दी । आज यदि व्हाइट हाउस में दिवाली मनाई जाती है , टाइम स्क्वायर पर तिरंगा फहराता है , बुर्जखलीफा को तीन रंगों में रंगा जाता है तो यह सिर्फ भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव का परिणाम है । जी 20 को भारत ने कुछ इस तरह जिया कि दुनिया हमारी मुरीद हो गई ।
देश की आध्यात्मिक शक्ति का ही परिणाम है कि अबू धाबी में विशाल हिन्दू मंदिर बन गया और बहरीन में निर्माणाधीन है । भारत का आर्थिक परिदृश्य बदलने के पीछे नरेंद्र मोदी की साधना है । तभी देश की जनता का एक बहुत बड़ा वर्ग एक बार फिर से मोदी को लाने की तैयारियों में जुटा है । निश्चित रूप से एक वर्ग है देश में जो मोदी को सत्ता में एक मिनट भी नहीं देखना चाहता । आने वाला लोकसभा चुनाव इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण पल लेकर आ रहा है । जनता का फैसला इस बार नया इतिहास लिखेगा ।
