अमित शाह : केंद्र सरकार की बेहतर नीतियों के चलते नक्सलवाद खो चुका है आधार
गृहमंत्री ने अमित शाह ने सोशल माडिया एक्स पर बयान जारी करते हुए बताया कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते वामपंथी उग्रवाद अपनी प्रासांगिकता खो चुकी है। गृहमंत्री अमितशाह ने कहा कि सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और सुरक्षा पर जोर देते हुए करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने समग्र विकास के लिए राज्य सरकारों को साथ लेकर लोगों का विश्वास जीता है।
गृहमंत्री ने अमित शाह ने सोशल माडिया एक्स पर बयान जारी करते हुए बताया कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते वामपंथी उग्रवाद अपनी प्रासांगिकता खो चुकी है। गृहमंत्री अमितशाह ने कहा कि सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और सुरक्षा पर जोर देते हुए करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने समग्र विकास के लिए राज्य सरकारों को साथ लेकर लोगों का विश्वास जीता है।
पिछले नौ सालों में नक्सली हिंसा में आई कमी और नक्सलवाद के सिमटते दायरे का हवाला देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के आधार के खात्मे का ऐलान किया है। एक्स पर कई पोस्ट किए जिसमें अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आक्रामक नीतियों के बदौलत वामपंथी उग्रवाद को रोकने में निर्णायक सफलता मिली है। इसके साथ ही नक्सल प्रभावित जिलों को विकास की दूरदर्शी नीतियों की वजह से नक्सल का जनाधार अब खत्म हो चुका है।
नक्सलियों की फंडिंग रोकने के लिए किये गए प्रयास
अमित शाह के अनुसार नक्सलवाद के खात्मे के लिए मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में समेकित नीति अपनाई। इसके तहत एक ओर सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की खुली छूट दी गई और उन्हें जरूरी सुविधाओं और साजो सामान से लैस किया गया। दूसरी ओर नक्सलियों के खाली कराए गए क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं को तेजी से पहुंचाया गया ताकि वहां की जनता दोबारा नक्सलियों के भ्रामक प्रचार से बच सके। इसके साथ ही इस दौरान नक्सलियों की फंडिंग रोकने के भी प्रयास किये गए।
ईडी और एनआईए ने इन लोगों पर की कार्रवाई
अमित शाह के अनुसार 2019 के बाद से पांच सालों में नक्सल इलाकों में सुरक्षा बलों के 195 नए कैंप, 250 किलेबंद थाने बनाने के साथ ही 10 टास्क फोर्स का गठन किया गया। इसी तरह से ईडी और एनआईए ने नक्सलियों की फंडिंग से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति को जब्त करने का काम किया है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2004-14 की तुलना में 2014-23 के दशक में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत की गिरावट आई है और मौतों की संख्या 69 प्रतिशत घटकर 6035 से 1868 हो गई है। इसी तरह वामपंथी उग्रवाद की घटनाएं 14,862 से घटकर 7,128 रह गई हैं।
वामपंथी उग्रवाद के कारण सुरक्षा बलों की मौतों की संख्या 2004-14 में 1750 से 72 प्रतिशत कम होकर 2014-23 के दौरान 485 हो गई है और नागरिक मौतों की संख्या 68 प्रतिशत घटकर 4285 से 1383 हो गई है। 2010 में हिंसा वाले जिलों की संख्या 96 थी,जो 2022 में 53 प्रतिशत घटकर 45 फीसदी रह गई। इसके साथ ही हिंसा की रिपोर्ट करने वाले पुलिस स्टेशनों की संख्या 2010 में 465 से घटकर 2022 में 176 हो गई है।
आधारभूत संरचनाओं ने निभाई अहम भूमिका
अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद के खात्मे के कगार पर पहुंचाने में मोदी सरकार की स्वास्थ्य व शिक्षा संबंधी आधारभूत संरचनाओं के निर्माण ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस सिलसिले उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण के साथ-साथ बड़े पैमाने पर एकलव्य विद्यालयों और कौशल विकास केंद्रों की स्थापना का हवाला दिया।
