बुद्धि बिना धन किसी काम का नहीं

ईश्वर से सर्वप्रथम सदबुद्धि और विवेक की कामना करनी चाहिए :-

आज विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की साधना का दिन है । आज बसंत पंचमी है ।

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता , या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना

देवी माँ के इस स्वरूप को शत शत नमन, प्रणाम करते हैं! सरस्वती पूजा हिंदू कैलेंडर के माघ महीने के पांचवें दिन मनाई जाती है जिसे बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। देवी सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन मनाए जाने वाले सरस्वती पूजा और अनुष्ठानों का बहुत महत्व है!

अगर किसी के पास धन बहुत हो परंतु बुद्धि या विवेक नहीं हो तो वह धन भी लाभ नहीं दे सकता! क्योकि वह व्यक्ति को ऐब की और ले जाएगा और साथ ही बुद्धि विक्षिप्त होगी!

इसलिए भगवान से सब कुछ माँगना चाहिए परंतु सर्वप्रथम सदबुद्धि और विवेक की कामना करनी चाहिए क्योकि अगर आपकी बुद्धि शुद्ध होगी तो आप थोड़े से भी बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हो!

बसंत ऋतू का आध्यात्मिक महत्व भी है! और यह अज्ञानता के दिनों के अंत और नई शुरुआत का संकेत देती है। माँ सरस्वती शांति का प्रतीक हैं! देवी के चार हाथ मन, बुद्धि, सतर्कता और अहंकार का प्रतीक हैं।

वैसे तो सभी को परंतु विशेष रूप से विद्यार्थियों को सरस्वती माँ का पूजन अवश्य करना चाहिए क्योकि ज्ञान तो उन्हीं की कृपा से प्राप्त होगा पढ़ाई में सफलता प्राप्त करने के लिए सरस्वती माँ का आशीर्वाद परम आवश्यक है!

सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

साभार -सुधांशु तक

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