आयुष्मान से जुड़ेगा.. एम्स आने वाले स्मार्ट कार्ड उपयोग कर सकेंगे

एम्स में इलाज करा रहे मरीज के लिए भुगतान संबंधी किसी भी तत्काल आवश्यकता के मामले में अब कोई भी व्यक्ति देश भर से आसानी से और तेजी से कैश ट्रांसफर कर सकता है।

नई दिल्ली एम्स में इलाज कराने आने वालों के लिए एम्स खास सुविधा दे रहा है। दूर-दराज से आने वाले मरीजों को अब अपने साथ भारी-भरकम नकदी लेकर आने की जरूरत नहीं होगी। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एम्स-एसबीआई स्मार्ट पेमेंट कार्ड की शुरुआत की। एम्स-एसबीआई स्मार्ट पेमेंट कार्ड एम्स नई दिल्ली में बिना किसी परेशानी के इलाज के लिए भुगतान सुनिश्चित करेगा।

वन एम्स, वन कार्ड
स्मार्ट पेमेंट कार्ड का ‘वन एम्स, वन कार्ड’ के रूप में जिक्र करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एम्स में इलाज करा रहे मरीज के लिए भुगतान संबंधी किसी भी तत्काल आवश्यकता के मामले में अब कोई भी व्यक्ति देश भर से आसानी से और तेजी से कैश ट्रांसफर कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि निकट भविष्य में इन कार्डों की सेवाएं देश के सभी एम्स में विस्तारित की जाएंगी। उन्होंने देश के अस्पतालों में मरीजों के लिए और अधिक सुविधा उपाय जोड़ने के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराई।

भुगतान के लिए कार्ड का प्रयोग
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “एम्स स्मार्ट पेमेंट कार्ड दूरदराज के इलाकों के मरीजों की नकदी ले जाने की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान करेगा।” उन्होंने कहा कि मरीज या उनके तीमारदार एम्स नई दिल्ली के सुविधा केन्द्रों से आसानी से कार्ड प्राप्त कर सकते हैं और उसके बाद विभिन्न काउंटरों पर भुगतान के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
रोगी देखभाल सेवाओं और डिजिटल इंडिया पहल में एक प्रमुख कदम के रूप में इस शुरुआत की सराहना करते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल ने आसानी और सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत की है जो पहले बेहद कठिन दिखाई देता था और आज भी अनेक देशों के लिए एक दूर का लक्ष्य है।

कार्ड आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता से होगा लिंक
एसबीआई-एम्स स्मार्ट कार्ड सभी मरीजों को मुफ्त प्रदान किया जा रहा है और इसमें कोई सेवा शुल्क नहीं है। प्रवेश पर सभी मरीजों को स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। कार्ड को मरीज के विशिष्ट अस्पताल पहचान (यूएचआईडी) नंबर और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत जारी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) आईडी से जोड़ा जाएगा। कार्ड से टॉप-अप और रिफंड केवल मरीज के यूएचआईडी से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के प्रावधान पर किया जा सकता है। इससे धोखाधड़ी और चोरी रोकने में मदद मिलेगी. यदि कोई मरीज कार्ड खो देता है, तो मरीज को बदले में मुफ्त में दूसरा कार्ड प्रदान किया जाएगा और शेष राशि (यदि कोई हो) उस एवजी कार्ड में स्थानांतरित कर दी जाएगी। एक बार जारी किया गया कार्ड पांच साल की अवधि के लिए वैध होगा। इस कार्ड का उपयोग करके किए गए सभी लेनदेन एम्स में ई-हॉस्पिटल फ़ंक्शनल से जुड़े हुए हैं। एम्स और बैंक के बीच दोतरफा जुड़ाव के कारण सभी वित्तीय लेनदेन का समाधान वित्त प्रभाग, एम्स द्वारा किया जा सकता है।

 24×7 कार्ड का कर सकेंगे प्रयोग
सभी मरीज ग्राउंड फ्लोर पर स्थित परिभाषित स्मार्ट कार्ड काउंटर, मातृ एवं शिशु ब्लॉक और स्मार्ट कार्ड जारी करने वाले काउंटर, स्टाफ कैफेटेरिया से स्मार्ट कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। स्मार्ट कार्ड जारी करने के लिए, रोगी/कर्मचारी को एम्स में उत्पन्न अपना यूएचआईडी देना होगा। यूएचआईडी के प्रावधान पर, मरीज को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा, जो कार्ड को कार्यशील बनाने के लिए काउंटर पर प्रदान किया जाएगा। स्मार्ट कार्ड को एक बार टॉप अप और सक्रिय करने के बाद संस्थान में प्राप्त सेवाओं के लिए 24×7 आधार पर विभिन्न कैश काउंटरों पर भुगतान के लिए उपयोग किया जा सकता है। रोगी के लिए टॉप-अप के लिए नकदी का उपयोग करने के अलावा, टॉप-अप ऑनलाइन तौर-तरीकों, क्रेडिट/डेबिट कार्ड के माध्यम से कहीं से भी किसी भी रिश्तेदार/मित्र द्वारा किया जा सकता है।

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