मंत्रालयों के बाद ड्रैगन को जिंदल ने दिया जोर का झटका धीरे से..
भारत की कूटनीति के आगे चीन चारों दिशाओं से घिर रहा
ब्यूरो डेस्क। भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में छिड़ी जंग चीन को बहुत महंगी पड़ रही है। #BoycottChina की मुहिम अब रंग लाने लगी है।देश के बड़े-बड़े बिजनसमैन भी इस मुहिम से जुड़ने लगे हैं।विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी जे एस डब्ल्यू ग्रुप ने सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन से 40 करोड़ डॉलर (करीब 3000 करोड़) के आयात को अगले 24 महीने में खत्म करने का फैसला किया है। समूह के पार्थ जिंदल ने ट्वीट करते हुए कहा है कि जेएसडब्ल्यू समूह चीन से सालाना 40 करोड़ डॉलर का आयात करता है। अब इसे बंद करने का फैसला किया गया है।
अनलॉक-2 में घरेलू उद्योगों में उत्पादन बढ़ा
चीन से तनाव और उसके उत्पादों के बहिष्कार के कारण भारतीय उद्यमियों को नए अनुबंध मिलने शुरू हो गए हैं। घरेलू व अन्य जरूरतों के सामान की अनलॉक-2 में मांग बढ़ रही है। ऐसे में चीन से सामान लाने वाले ट्रेडर्स अब भारतीय उद्योगों की ओर रुख करने लगे हैं और जरूरी होने पर नकद माल खरीद रहे हैं। कुछ ट्रेडर्स तो अपने संबंधों के आधार पर चीनी सामान को भारतीय उद्योगों में बनाने में भी मददगार साबित हो रहे हैं।
क्रेन के पार्टस, दवाई, खिलौने के क्षेत्र में मांग बढ़ने और चीनी सामान के डंपिंग कम होने से रोजगार के अवसर बढ़ने लगे हैं। भारत सरकार से ज्यादा जिम्मेदारी नागरिक और व्यापारियों की सशक्त राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने की और है।
रेलवे, सड़क के बाद अब बिजली का झटका
चीन से आने वाले सभी बिजली उपकरणो के आयात को अब बंद करने की दिशा में केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार को राज्यों के बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के साथ बैठक करते हुए आर के सिंह ने साफ कर दिया है चीन और पाकिस्तान से पावर इक्विपमेंट के इंपोर्ट की इजाजत नहीं होगी। ऐसी आशंका है कि चीन इन बिजली उपकरणों में मालवेयर व ट्रोजन हॉर्स जैसे वायरस के जरिये साइबर हमला कर सकता है. इनकी मदद से वह भारत के इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को फेल करने की साजिश रच सकता है और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।
चीन की भभकी
इधर खबरों के अनुसार चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता जीओ फेंग ने भारत को धमकाते हुए कहा है कि चीन ने तो किसी भी भारतीय कंपनी के उत्पादों या उनकी सेवाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। हम हर तरीके से नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन भारत चीन के उत्पादों व सेवाओं के खिलाफ कदम उठा रहा है, जो डब्लूटीओ प्रावधानों का सीधा सीधा उल्लंघन है। हम इसके लिए शिकायत करेगें।