टिशा अग्रवाल : वक्त रहता नहीं कहीं टिक कर…इसकी आदत भी आदमी सी है…!
वक्त रहता नहीं कहीं टिक कर…इसकी आदत भी आदमी सी है…!
यह सुनते हुए महसूस हो रहा है कि 2023 के चंद पल शेष हैं, न ये रुकेगा न हम रोक पाएंगे! हम कहाँ रोक पाए किसी को…जिसको जाना था वह गया ही। जो रुके हैं वह अपने हैं…हमेशा से..
प्यारे 2023 अलविदा…ढेर सारा प्यार और झप्पी अच्छी यादों के लिए प्यार और खूब सारी कट्टी… यू नो किसके लिए..
मौसम की ठंडक को सीने से लगाए, शब्दों को बर्फ में जमाएं, जज़्बातों की तपिश के साथ…
अलविदा 2023
तुम याद आओगे ….
