बालको के विरुद्ध छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के शंखनाद की गूंज दिल्ली तक..
कोरबा। वेदांता एवं बालको कंपनी द्वारा बेलगरी प्राकृतिक नाला में हाई वोल्टेज तार बिछाने हेतु नियम विरुध्द पोल निर्माण, नए प्लांट के विस्तार में राजस्व की नजूल भूमि में अवैध कब्ज़ा कर पेड़ों की अवैध कटाई, बैचमेट प्लांट संचालित करना तथा राखड़ो को जहाँ तहां पाटने के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश सचिव दिलीप मिरी के शंखनाद का नाद दिल्ली तक गूंज रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, दिल्ली को लिखे गए पत्र में कड़ी कार्यवाही की मांग करते हुए दिलीप मिरी ने उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के जिला-कोरबा के अंतर्गत स्थित बालको एवं वेदांता कंपनी द्वारा लगातार पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
प्रदूषण फैलाने को लेकर आक्रोश व्यक्त करते हुए पत्र में आगे श्री मिरी ने लिखा है कि “इसके पूर्व भी हमने अनेको बार उक्त प्रबंधन के खिलाफ़ लिखित शिकायत दर्ज
कराया है जिसमे वेदांता एवं बालको पॉवर प्लांट से निकलने वाले राखड को कोरबा जिला में जहां-तहां फेक कर कोरबा जिले को प्रदूषित किया जा रहा है।
प्राकृतिक रूप से बने नाले पर खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि इस बार उक्त कम्पनी द्वारा बेलगरी नाला जो कि प्राकृतिक नाला है और इस नाले के पानी को आस-पास के लोग
अपने निस्तारी लिए उपयोग करते है, बेलगरी नाला के बीचो-बीच स्थाई रूप से सीमेंट की कांक्रीटकरण कर इसमें हाई
टेंशन तार-पोल का निर्माण कराया गया है, जो की पर्यावरण नियमों का घोर उल्लंघन है तथा इस तरह से नियमों को ताक
पर रख आम लोगों के जानों को जोखिम में डाला गया है, जिसके कारण भविष्य में जन-हानि होने की पूर्ण संभावना है।
वन विभाग व राजस्व विभाग की भूमि पर वेदांता एवं बालको के द्वारा अवैध कब्ज-अवैध रूप से पेड़ कटाई को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए श्री मिरी ने बालको विस्तार के कार्यों पर प्रश्न खड़े करते हुए कहा है कि भारत एलुमिनियम कंपनी लिमिटेड द्वारा एलुमिनियम स्मेल्टर उत्पादन झमता 5.75 एलटीपीए से 10.85 एलटीपीए के विस्तार में जनसुनवाई तथा विस्तार प्रोजेक्ट में कहीं भी नई जमीनों का अधिग्रहण का उल्लेख नही किया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया है कि कोरबा से बालकों मुख्य मार्ग की दाहिने व बाएं तरह के राजस्व विभाग व वन विभाग की जमीनों को अवैध रूप से कब्ज़ा कर पेड़ों की कटाई कर रहा है तथा इसी जमीनों में नये प्लांट के लिए बैचमेट प्लांट का संचालन किया जा रहा है, और नए स्मेल्टर उत्पादन के लियर प्लांट बनाया जा रहा है, जो पुरी तरह अवैध है, साथ ही बैचमेट प्लांट के आसपास अवैध रूप से राखड़ को पाटा जा रहा है, जिससे आम लोगों को भारी प्रदुषण की मार झेलनी पड़ रही है।
आगे उन्होंने अपने पत्र में चेतावनी देते हुए कहा है कि लगातार हमारे द्वारा वेदांता कंपनी एवं बालको कंपनी द्वारा किये जा रहे अवैध कामों की शिकायत करते आ रहे है, परन्तु कंपनी को प्रशासनिक संरक्षण के कारण कोई कार्यवाही नही हो रही है, जिससे वेदांता एवं बालको कंपनी के अधिकारिओं का मनोबल बढ़ा हुआ है, अगर ऐसे ही चलता रहा तो आम लोगों का जीना कठिन हो जाएगा,समय रहते इस पर लगाम कसने की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी अन्य शिकायतों पर वन विभाग ने पत्र लिखकर वन संरक्षण अधिनियम 1980 में प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर बालको प्रबंधन को नोटिस जारी किया है।