सुरेंद्र किशोर : परेशान-चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े निर्देश

चुनावी तथा राजनीतिक खर्चे कम करने से
नेताओं के प्रति जनता का आदर बढ़ेगा
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अन्यथा, सरकारी-गैर सरकारी भ्रष्टाचारों पर
काबू पाने की प्रधान मंत्री तथा अन्य की कोशिश
भी कत्तई सफल नहीं होगी

कई दशक पहले की बात है।
पटना के सालिमपुर अहरा स्थित पार्टी कार्यालय में पीलू मोदी एक ‘इजी चेयर’ पर पसरे हुए थे।
उनके अगल-बगल कर्पूरी ठाकुर और मैं था।
उन दिनों कर्पूरी ठाकुर और पीलू मोदी
एक ही दल यानी संभवतः भारतीय लोक दल में थे।
कर्पूरी जी ने पीलू साहब से विनम्रता से कहा,
‘‘मोदी जी,यदि हमारी बिहार पार्टी के लिए आप एक हेलिकाॅप्टर का प्रबंध कर दें तो हम बिहार में विधान सभा की आधी सीटें जीत जाएंगे।’’
उस पर हंसोड़ पीलू ने कहा,
‘‘मिस्टर कर्पूरी, मैं दो हेलिकाॅप्टर का प्रबंध कर देता हूं,सारी सीटें जीत जाओ।अरे भई,हेलिकाॅप्टर से चुनाव नहीं जीता जाता।’’

खुद कर्पूरी ठाकुर किसी हेलिकाॅप्टर की मदद के बिना बिहार में दो बार मुख्य मंत्री बन गए।
एक बार उप मुख्य मंत्री बने थे।
उन दिनों के किसी दल के नेता का चुनावी खर्च आज जैसा नहीं था।
पीलू मोदी गुजरात के गोधरा से एम.पी.हुआ करते थे।
किंतु पिछले अनुभवों के विपरीत आज के गुजरात के चुनाव में हो रहे खर्चे का एक नमूना
यहां पेश है।
कल के दैनिक भास्कर में छपी एक खबर के अनुसार इस बार गुजरात में भाजपा,कांग्रेस और आप के नेता सिर्फ भाड़े के विमानों पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करेंगे।
बुकिंग हो चुकी है। यह सिर्फ विमानों का खर्च है।अन्य खर्चों की कल्पना कर लीजिए।
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उधर सर्वव्यापी भ्रष्टाचार से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी परेशान व चिंतित रहते हैं।
उन्होंने जांच एजेंसियों को सख्त निदेश दिया है कि वे नाजायज ढंग से पैसे कमाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
इन दिनों ऐसी सख्त कार्रवाइयां हो रही हैं जैसी इस देश में इससे पहले कभी नहीं हुई थी।इससे आम जनता खुश है।
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किंतु भाजपा,कांग्रेस तथा अन्य दलों को चाहिए कि राजनीतिक व चुनावी खर्चे कम करके आदर्श उपस्थित करें।
इससे मौजूदा व अगली पीढ़ियों में नाजायज धनोपार्जन की लालसा आज जैसी तीव्र नहीं रहेगी।
ऐसा नहीं करने से सरकारों तथा अन्य जगहों के भ्रष्टाचार पर काबू पाने में मोदी सरकार को भी दिक्कतें आएंगी।
.पुनश्च…
जरा बताइए,
आज के किस नेता को आने वाले दशकों में उसी तरह आदर के साथ याद किया जाएगा जिस तरह कर्पूरी ठाकुर तथा उनकी तरह के दूसरे नेताओं को याद किया जाता है ?

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