भारत प्रथम मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ने आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए गगनयान रॉकेट की प्रणाली का सफल परीक्षण किया है। वर्ष 2025 में मानवयुक्‍त अंतरिक्ष मिशन भेजने की तैयारी के सिलसिले में इसरो ने टीवी डी-1 मिशन का सफल परीक्षण किया। अगले वर्ष इसरो को मानव रहित मिशन पूरा करना है। इसका मुख्‍य उद्देश्‍य सुरक्षित लैंडिंग, अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और क्रू-मॉडल का परीक्षण करना था। इसे श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र से दस बजे सवेरे छोडा गया। नौ मिनट के बाद क्रू-मॉडल श्रीहरिकोटा से दस किलोमीटर दूर बंगाल की खाडी में गिरा। मॉड्यूल की रिकवरी के लिए तैनात नौसेना के गोताखोर मॉड्यूल को निकाल कर पोत में लाए।

अपने ग्रुप्स में शेयर कीजिए।

प्रक्षेपण के बाद इसरो के अध्‍यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि सभी मानदंड और प्रक्रियाएं योजना के अनुसार पूरे किए गए। उन्‍होंने कहा कि इस उडान ने सिद्ध किया है कि अंतरिक्ष यात्रियों को किसी भी तकनीकी खराबी की स्थिति में सुरक्षित बाहर लाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि टीवी-डी-1 परीक्षण की सफल उड़ान से भारत पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को साकार करने के एक कदम और करीब पहुंच गया है। श्री मोदी ने इस सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि चन्‍द्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद भारत, अब अंतरिक्ष के क्षेत्र में अगला बडा कदम उठाने के लिए तैयार है।

परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍यमंत्री जितेन्‍द्र सिंह ने कहा है कि एबॉर्ट मिशन-1 परीक्षण की सफलता मिशन गगनयान के अंतिम प्रक्षेपण से पहले क्रमिक परीक्षण उड़ानों की शुरुआत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *