21 अप्रैल की शाम से कोरोना की रफ्तार पर लगेगा ब्रेक…17 जुलाई से जनजीवन होने लगेगा सामान्य
जीवन में कई उलझनों से 2-4 होना ही पड़ता है। लोग इन उलझनों से मुक्ति पाने के लिए ज्योतिषी या तांत्रिको शरण लेने पहुंचते हैं और गलत लोगों के संपर्क में अपना धन- समय नाश करने के बाद इस विद्या को कोसने लगते हैं। सही लोगों के संपर्क में आने वालों को तो रास्ता मिल ही जाता है। जो लोग ग्रहों के प्रभाव को नकारते है और ज्योतिष का मजाक उड़ाया करते हैं, उन्हें एक छोटे से उपग्रह चंद्रदेव को देखना चाहिए जिसका कुल आकार द.अफ्रीका के क्षेत्रफल के बराबर है लेकिन उसके कारण आए ज्वार पृथ्वी के लगभग 70% भाग पर फैले विशाल समुद्र में बड़े-बड़े समुद्री जहाज बंदरगाह पर लगायेजाते हैं।
चांद ने बचाया हर दिन 9 अरब डॉलर का नुकसान
चांद के प्रभाव को इस घटनाक्रम से समझिए।
हाल ही के एक घटनाक्रम में जहाज के अटकने की वजह से स्वेज नहर में एक सप्ताह से कम से कम 367 जहाज फंस गए थे और इंतजार कर रहे थे कि कब उनके आगे बढ़ने के लिए रास्ता खुलेगा। इस जहाज के फंसने की वजह से हर दिन 9 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा था। इसे निकालने के लिए एक विशेषज्ञ टीम ने 13 टगबोट का इंतजाम किया था। टगबोट यानि छोटी लेकिन शक्तिशाली नावें, जो बड़े जहाजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाती हैं। जहाज के सिरों के नीचे से लगभग 25-30 हजार क्यूबिक मीटर मिट्टी को खोदा गया था। एक्सपर्ट टीम इस शिप से 18 हजार कंटेनर भी निकालने के बारे में विचार कर रही थी ताकि जहाज के वजन को कम किया जा सके। हालांकि इसकी जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि विशेषज्ञ टीम को समझ आ गया था कि अब पूर्णिमा का चांद ही इस जहाज का बेड़ा पार कर सकता है। सो पूरी टीम ने पूर्णिमा का इंतजार किया और ज्वार-भाटे का फायदा उठाते हुए इस जहाज को समुद्र के काफी अंदर से निकाल लेने में सफलता प्राप्त की।
अब आप ही सोंचिए कि जब हमारे शरीर का भी लगभग 70% भाग पानी है तो हमारा जीवन चांद सहित बाकी विशालकाय ग्रहों से किस प्रकार से प्रभावित होता होगा !
मैं कई ज्योतिष शास्त्र के क्षेत्र से जुड़े लोगों के संपर्क में आया। जिन्होंने मुझे नई दिशा दिखाई उनमें प्रमुख हैं बिलासपुर के बड़े भईया आदरणीय प्रभात खरे जी, लखनऊ आदरणीय असीम मिश्रा जी, जांजगीर के परम् आदरणीय राजेंद्र शर्मा जी, अकलतरा के वेदों के परम् विद्वान श्रद्धये रामसुमेर शास्त्री जी और भाई,गुरु, मार्गदर्शक के रुप में जबलपुर के निशांत ताम्रकार जी हैं। इन सबका सनिध्य मुझे ईश कृपा से मिला। ये सब अपने-आप में अद्भुत शक्ति से भरे लोग हैं।
इन्ही में से एक ने सितंबर 2020 में मुझे चर्चा के दौरान बताया था कि 25 oct. से कोरोना का प्रकोप कम होने लगेगा और 10 nov. के बाद भारी गिरावट आएगी।इसके बाद 25 jan. 2021 तक कंट्रोल में रहेगा। जो हुआ और जनवरी में वैक्सीन लांच होने के बाद कंट्रोल भी हुआ। इस पर एक पोस्ट भी मैंने किया था।
3 दिन पहले उनसे हुई चर्चा में उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल 2021 की शाम से कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगना शुरु हो जाएगा। 17 जुलाई से जनजीवन सामान्य होने की दिशा में बढ़ जाएगा। अब उनका नाम उजागर नही कर रहा हूं क्योंकि उनका निर्देश है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2018 में निशांतजी ने अपने post में वैश्विक परिदृश्य में किसी बड़ी महामारी को लेकर लिखा था। कश्मीर, रामजन्म भूमि पर भी लिखने के साथ bjp को 369 सीट मिलने की बात कही थी।
इन्हीं के बीच में एक महायोगी है परम आदरणीय रामजी बाबा। औघड़ जैसा हमारे मन में आता है नंग-धड़ंग, चिल्लाते हुए साधु। ये बिल्कुल अलग हैं, bmw में चलते हैं, जमींदार परिवार से हैं और लेते हैं तो सिर्फ 2 कच्चे नारियल।आप सामने बैठ जाइए ये आपके भीतर तक आगा-पीछा झांककर देख लेते हैं।
बेहद संक्षेप में बात सामने मैंने रखी है। प्रकृति का संकेत, ज्योतिष उपाय, मंत्र प्रभाव करीब से मैंने देखा है, समझा है। तोते पर एक पोस्ट से पूर्व जिलाधीश श्री त्यागी जी सहित कई लोगों का कॉल भी आया। इस पर एक विस्तृत लेख कभी दूंगा।
इन सबके विषय में लिखने के लिए शब्द ही कम है। फिलहाल विराम के साथ ईश-मां आदिशक्ति से विनय है कि भारत सहित समूचे विश्व में आया ये संकट 21 अप्रैल से समाप्ति की ओर चले ताकि मानव समुदाय चैन की सांस ले।