कौशल सिखौला : देश विरोधी ताकतें सरकार को पलटने के लिए इस हद तक खेल रही हैं..

न्यूज क्लिक के माध्यम से विदेशी धन लेने वाले देश के अनेक बड़े पत्रकारों पर जांच एजेंसियों की सख्त कार्रवाई । कईं मीडिया कर्मियों के लैपटॉप और फोन जप्त , चीन से फंडिंग लेकर भारत में भारत विरोधी एजेंडा चलाने के सप्रमाण गंभीर आरोप । खबर है कि कईं पत्रकारों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है । न्यूयार्क टाइम्स , वॉशिंगटन पोस्ट जैसे अनेक अखबारों में आलेखों के माध्यम से देश विरोधी एजेंडा लगातार चलाया जा रहा है।

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यू ट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किस तरह भारत के विरोध और चीन के समर्थन वाला फेक एजेंडा चलाया जा रहा है उस न्यूज क्लिक की पूरी पोल खुल गई है । पता चला है वामपंथी लॉबी ने कड़ा प्रतिवाद किया है । प्रेस क्लब ऑफ इंडिया भी भारत सरकार की इस कार्रवाई के प्रति विरोधी कर रहा है । लेकिन प्रमाण बहुत गंभीर और स्पष्ट हैं अतः देश विरोधी कारनामों की पोल खुल गई है।

आरोप है कि बड़े बड़े पत्रकारों से जुड़ा न्यूज क्लिक भारत के दुश्मन की तरह काम कर रहा है । ऐसा कराने के लिए चीन ने अब तक 60 करोड़ की धनराशि न्यूज क्लिक के माध्यम से बड़े पत्रकारों को बांटी गई । ईडी ने जांच के बाद स्पष्ट प्रमाण मिलने पर दिल्ली पुलिस के साथ बड़ी कार्रवाई की है । न्यूज क्लिक के 30 और अन्य करीब 50 पत्रकारों के ठिकानों पर एक साथ कल सवेरे एक साथ दबिश दी गई।

न्यूज क्लिक के मालिक प्रबीर पुरुकायस्थ को रात गिरफ्तार कर लिया गया । आश्चर्य की बात है कि इंडिया गठबंधन ने 14 मीडिया कर्मियों पर जब बैन लगाया तब किसी नेता ने नहीं कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार है । ये ही नेता न्यूज क्लिक के खिलाफ कार्रवाई करने को अभिव्यक्ति पर प्रहार बता रहे हैं । न्यूज क्लिक के जिन पत्रकारों पर अब कार्रवाई हुई है ये भी 14 मीडिया कर्मियों के इंडिया द्वारा किए गए बहिष्कार पर खुशियां मना रहे थे।

भारत देश इस समय अनेक विविधताओं से गुजर रहा है । अनेक विदेशी एजेंसियां भारत के खिलाफ षड्यंत्र में लगी हैं । वामपंथी और अर्बन नक्सलपंथियों के माध्यम से जिनपिंग भारत के उन पत्रकारों को खरीद रहे हैं जो भारत सरकार को जड़ से हटाना चाहते हैं । तीस्ता सीतलवाड़ के घर पर भी रेड हुई जो इस चीनी प्रोपेगेंडा को नेविल राय के माध्यम से चलाने वाली एक टूल है । अजीब बात है कि चीन नहीं चाहता कि भारत में यह सरकार तिबारा आए । इसके लिए मीडिया को भी टूल बनाया गया है और विपक्ष की एक लॉबी को भी।

देश विरोधी ताकतें सरकार को पलटने के लिए किस हद तक खेल रही हैं , जातीय जनगणना से यह समझ लीजिए । भारत में लोकतंत्र की बेहद मजबूत जड़ों पर देश के भीतर चल रहे आत्मघाती प्रहार के तमाम नमूनों को भली भांति समझ लीजिए । न्यूज क्लिक का देश विरोधी इस्तेमाल खतरनाक हदें पार कर रहा था । अब इस कार्रवाई के बाद बड़े खुलासे होंगे , प्रतीक्षा कीजिए । इक्कीसवीं सदी में मीडिया के लिए आदर्शों की बात करना तो खैर बेमानी है । परंतु विदेशों से धन लेकर देश विरोधी फेक अजंडा चलाना तो खुला अपराध है , काफी खतरनाक भी है।

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