मनीष शर्मा : जापानी 7 मिनट तो 14 मिनट हमारे वाले क्यों ले रहे..?

आज एक समाचार पढ़ा… कि भारतीय रेलवे अब वन्दे भारत ट्रैन की Punctuality को सुधारने के लिए उन्हें मात्र 14 minutes में साफ कर देगी.

यह दरअसल एक Japanese concept को अपनाया जा रहा है.. जिसे कहते हैं “7 minutes of Miracle in Osaka’….. जिसमें हर bullet ट्रैन को मात्र 7 मिनट में साफ कर दिया जाता है. इसमें कर्मचारी platform पर खड़े रहते हैं, और जैसे ही ट्रैन आती है, वह तुरंत अंदर जा कर अलग अलग compartments में घुस कर अपनी मशीनों से फटाफट सफाई करते हैं. और मात्र 7 मिनट में सब काम करके बाहर आ जाते हैं.

वन्दे भारत में भी यही concept अपनाया जायेगा.

इस ख़बर के tweet thread पर एक दिलचस्प comment था कि जापान के लोग 7 मिनट में साफ कर देंगे, हमारे वाले 14 मिनट ले रहे हैं…. क्या जापान वाले कर्मचारियों के 4 हाथ होते हैं, या उनकी मशीने बहुत तेज होती हैं??

इसका जवाब यही है… कि ना तो जापान वालों के 4 हाथ होते हैं, जो काम को 7 मिनट में करे दें… और ना ही उनके पास कोई extraordinary मशीने होती हैं.

स्लीपर कोच।

जापान के पक्ष में जो सबसे बड़ी बात है.. वह है उनके अनुशासित नागरिक, उनका बेहतर Civic sense और उनका Public Assets और Infrastructure के साथ sense of belonging…. और यही कारण है कि वह लोग गन्दगी नहीं फैलाते…. जब गन्दगी ही कम होगी, तो फिर उसे साफ करने में समय भी कम लगेगा.

भारत में हमारे नागरिक public infrastructure को ससुराल द्वारा दिया गया मुफ्त का माल समझते हैं…. जम कर abuse करते हैं. और इसमें पढ़े लिखे लोग ज्यादा गंद फैलाते हैं… हम ढेरों ऐसे वीडियो देखते भी हैं…. जब तक वह नहीं सुधरेंगे, कुछ नहीं बदलेगा.

सरकार 14 मिनट में ट्रैन साफ करेगी.. कोई बाहर से पत्थर मार के शीशे तोड़ देगा… हो गया काम बराबर.

दुर्भाग्य की बात है.. कि अनुशासन, sense of belonging और Civic sense किसी school में नहीं पढ़ाया जाता है… यह आपके अंदर होता है….आपके अंतर्मन में…. जो हम भारतीयों में नहीं है.

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