सुरेंद्र किशोर : 2024 चुनाव.. इस देश का भविष्य ऐसा होगा ?

सन 2024 का लोक सभा चुनाव
……………………………….
कितने दलों को है देश के असली मुद्दों की सही पहचान ?

अपने ग्रुप्स में शेयर कीजिए।

आपातकाल की पृष्ठभूमि में लोक सभा चुनाव की घोषणा की जा चुकी थी।
कांग्रेस ने 5 फरवरी, 1977 और जनता पार्टी ने 6 फरवरी, 1977 को दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल सभाएं कीं।
………………………..
प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने जन सभा में कहा कि आपातकाल में कार्यान्वित किए गए आर्थिक कार्यक्रमों से समाज में परिवर्तन आया है।
देश में अनाज की पैदावार बढ़कर 12 करोड़ टन हो गयी है।इस प्रगति को कायम रखने के लिए राजनीतिक स्थायित्व जरूरी है।
………………………….
जयप्रकाश नारायण ने चुनाव सभा में कहा कि लोक सभा का यह चुनाव, आजादी बनाम गुलामी के बीच चुनने का है।
याद रहे कि आपातकाल में सरकार ने लोगों के जीने तक का अधिकार छीन लिया था।अधिकतर नेता जेलों में थे।प्रेस पर कठोर पाबंदी थी।
……………………………………
मुझे याद है,जे.बी.कृपलानी ने एक जनसभा (संभवतः पटना की सभा) में तब कहा था कि यदि आप किसी चिड़िया को सोने के पिजड़े में भी रख दोगे तो भी जब पिजड़ा खुलेगा,तो चिड़िया उड़ जाएगी।
………………………
1977 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हार गयी।
क्योंकि इंदिरा गांधी जनता के सही मुद्दों की पहचान नहीं कर सकीं।
………………………
1977 चुनाव के मुद्दा के बारे में एक  और संस्मरण
…………………………
जनता पार्टी की चुनाव सभाओं में लोकतंत्र की हत्या और आपातकाल के अत्याचारों को लेकर अधिक चर्चा होती थी।
पर,उस बीच सोवियत पक्षी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी लोगों से यह कहती थी कि अमेरिका दियो गार्सिया द्वीप में अपना सैनिक अड्डा बना रहा है,यह सबसे बड़ा खतरा है।
एक भाकपा नेता के अनुसार ,उस हार के बाद बिहार सी.पी.आई.की बैठक हो रही थी।एक कामरेड ने विनोद के लहजे में नेतृत्व से पूछा,‘‘कामरेड, आजकल दियो गार्सिया का क्या हाल है ?’’
…………………….
अब 2024 के भावी लोक सभा चुनाव पर आइए।
इन दिनों आम लोगों के समक्ष मुद्दे क्या-क्या हैं ?
उनकी समस्याएं क्या हैं?
उन मुद्दों की सही पहचान कितने राजनीतिक दल कर पा रहे हैं ?
समस्याएं तो बहुत हैं।
पर,मेरी समझ से देश के लोगों के समक्ष मुख्य मुद्दे दो हैं।
1.-शासन के हर क्षेत्र में व्याप्त भीषण भ्रष्टाचार।
आम लोग अत्यंत पीड़ित हैं।
कोई उनके बचाव में सामने नहीं आ रहा है।
(ऐसी स्थिति में या तो तानाशाही आ सकती है या गुलामी।जिस देश का शासन तंत्र महा भ्रष्ट हो,वह देश अधिक दिनों तक स्वतंत्र नहीं रह सकता।)
कुछ दल भ्रष्टाचार को कम करने की जरूर कोशिश कर रहे हैं,पर उन्हें सीमित सफलता ही मिल रही है।
क्योंकि कई दूसरे दल भ्रष्टाचार के बिना रह ही नहीं सकते।
अपवादों को छोड़कर आज जनता का कोई भी सरकारी काम रिश्वत के बिना नहीं हो रहा है।बाहरी-भीतरी राष्ट्रद्रोहियोों के लिए सरकारी भ्रष्टाचार रास्ता साफ कर देता है।
…………………………………………
2.-बाहरी -भीतरी मदद से भारत में हिंसक जेहादियों की व्यापक सक्रियता।
डा.जाकिर नाइक कहता है कि भारत में हिन्दुओं की आबादी अब सिर्फ 60 प्रतिशत रह गयी है।
यू-ट्यूब पर उसका भाषण आप भी सुन सकते हैं।
.भ्रष्टाचार और जेहाद के खिलाफ आज कितने राजनीतिक दल और नेता आवाज उठा रहे हैं ?या अगले चुनाव में आवाज उठाएंगे ?
…………………………
इन दो मुद्दों पर राजनीतिक दलों की क्या राय हैं ?
कुछ अपवादों को छोड़कर आम जनता क्या सोचती और चाहती है ?
इन दो समस्याओं से निर्णायक संघर्ष कर उन्हें कौन राजनीतिक दल अंततः पराजित कर पाएगा या पराजित करना चाहता है ?
इसके लिए आम जनता किस दल को सर्वाधिक समर्थ व इच्छुक मानती है ?
ये यक्ष प्रश्न हैं जिनका जवाब राजनीतिक दलों को जनता के सामने रखना होगा।
……………………………………
और अंत में
……………….
इस देश में क्या-से क्या हो गया देखते-देखते !
…………………………..
1969 में मैंने संसोपा कार्यकर्ता के रूप में आधा दर्जन परिवारांे का बासगीत के पर्चे दिलवाए थे।
अंचल कार्यालय ने मुझसे कोई रिश्वत नहीं ली।
जल्द ही काम कर दिया।
तब संसोपा सत्ता में नहीं थी।
फिर भी पार्टी का निदेश था कि भूमिहीनों को पर्चें दिलवाने हैं।
……………………………….
1972 में कर्पूरी ठाकुर का निजी सचिव बन कर मैं पटना आया तो देखा कि कर्पूरी जी रिक्शे से चलते थे।
उन्हें हेलिकाॅप्टर से चुनाव प्रचार का शायद कभी अवसर नहीं मिला।उन्हें अवसर लिया भी नहीं।
हां,लेकिन तब सरकारी दफ्तरों में आज जैसा भ्रष्टाचार नहीं था।
………………………
पर, आज ?
देश के अधिकतर नेतागण चार्टर्ड विमान से एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं।
जबकि करोड़ों लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं।
80 करोड़ लोगों को सरकार की ओर से अनाज देना पड़ता है।
सरकारी अस्पतालों और स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
क्या चार्टर्ड विमान और सरकारी दफ्तरों में बढ़ते भ्रष्टाचार के बीच सीधा संबंध है ?
क्या भ्रष्ट तंत्र का अंचल कार्यालय से लेकर ऊपर तक संबंध जुड़ा हुआ है ?
इस देश का भविष्य कैसा होगा ? सन 2024 का लोस चुनाव रिजल्ट बताएगा कि कैसा होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *