राजस्व मंत्री का बालको  दौरा..प्रबंधन के फूले हाथ पांव..! किसकी  जाएगी नदी में नाव.. चूके भाजपा जिलाध्यक्ष…

कोरबा। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का बालको क्षेत्र में तूफानी दौरा आज रहा। कर्मचारियों की समस्याओं को उन्होंने समझा, बेरोजगारों की स्थिति को जाना, राख से लोगों को हो रही समस्याओं पर चिंता व्यक्त की।
वापसी में ट्रैफिक जाम में फंसने पर उन्होंने चिंता भी जताई कि किसी एम्बुलेंस के इस जाम में फंसने पर क्या कुछ हो सकता है!
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बालको प्रबंधन अपना रास्ता होते हुए भी आम रास्ते का कर रहा दुरुपयोग.. एक्सीडेंट जोन बना बालको, सकरी सड़क और तीव्र गति से भागते दैत्याकार वाहनों से काल के गाल में रहवासी… http://veerchhattisgarh.in/?p=11654
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उन्होंने आरोप लगाया कि बालको प्रबंधन और प्रशासन आपस में मिले हुए हैं, जिसके कारण बालको क्षेत्र की समस्याओं का उच्चतम निराकरण नहीं हो पा रहा है।


बालको प्रबंधन पर नहीं पड़ा प्रभाव..?
जनहित के विषयों पर खुलकर बोलने वाले राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का बालको दौरा हुआ और उनकी पूरी टीम डेंगुर नाले(केसला नदी) के पुल के ऊपर से होकर बालको गई और इस दौरान बालको प्रबंधन के द्वारा विषैले काले पानी को निरंतर डेंगुर नाला के माध्यम से जीवनदायिनी-जीवनधारा हसदेव नदी में प्रवाहित किया जाता रहा।
इससे स्पष्ट रूप से यही कहा जा सकता है कि बालको प्रबंधन ने जानबूझकर विषैले काले पानी का प्रवाह नहीं रोका।

 

Veerchhattisgarh

 

संध्या लगभग 6 बजे बालको लालघाट बाईपास रोड पर स्थित नाले में प्रवाहित हो रहे vdo का स्क्रीन शॉट।
पर्यावरण विभाग को गंभीरता से इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है अन्यथा शीघ्र ही सारे शहर में इस विषय को लेकर जागरूक नागरिकों के द्वारा स्वस्फूर्त आंदोलन हो सकता है। लिंक https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1223868018321974&id=100002838055428&mibextid=Nif5oz पर भी स्थिति।

लालघाट बाईपास रोड पर स्थित नाले में बालको द्वारा निरंतर बहाये जा रहे विषैले तत्वों से भरपूर पानी के प्रवाह को अगर राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल देख लेते तो उत्तर देने में बालको प्रबंधन के हाथ पांव फूल जाते।


हालांकि प्रदूषण को लेकर उन्होंने कहा कि तीन माह पूर्व बालको द्वारा कई स्थानों डंप किए गए राखड़ को लेकर पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर पंद्रह दिनों में  रिपोर्ट देने को कहा था और आज तीन माह हो गए प्रशासन ने कोई रिपोर्ट नही दी ,लेकिन वह इस मामले को लेकर गंभीर है।


उल्लेखनीय है कि पर्यावरण विभाग कोरबा के द्वारा कुछ समय पूर्व बालको प्रबंधन को जब काले तेलयुक्त पानी का प्रवाह लालघाट के पास से डेंगुर नाले में प्रवाहित करने के संबंध में नोटिस दिया गया था तब तकनीकी समस्याओं की बात बालको प्रबंधन ने कही थी। हालांकि 3-4 दिनों पूर्व हुई हल्की वर्षा के बाद से क्षेत्र में सूखे की स्थिति है और यह काले विषैले जल प्रवाह की स्थिति लंबे अर्से से बनी हुई है।


भाजपा जिलाध्यक्ष ज्ञापन, प्रेस वार्ता तक सिमटे

 भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह के द्वारा बालको प्रबंधन को अपने 6 सूत्रीय बिंदुओं पर काम न होने पर 10 दिनों के बाद आंदोलन की चेतावनी दी थी। रविवार 25 जून को 10 दिन पूरे हो चुके हैं और बालको प्रबंधन की ओर से किसी तरह का कोई प्रतिउत्तर भाजपा जिलाध्यक्ष को नहीं दिया गया है न ही किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। स्वाभाविक रूप से बालको प्रबंधन द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ राजीव सिंह की चेतावनी को हल्के में लिया गया है।

राजस्व मंत्री की सीधी चोट से भाजपा की छवि को लगा धक्का

अभी तक भाजपा जिलाध्यक्ष के द्वारा भी आंदोलन को लेकर कोई बात सामने नहीं आई है।
इस बीच बिना किसी तरह की कोई प्रेस वार्ता किए, बिना कोई चेतावनी-ज्ञापन जारी किए सीधे जाकर राजस्व मंत्री ने चोट की है। इससे स्वाभाविक रूप से जिले में भाजपा की छवि को धक्का पहुंचा है।
अनछुए गंभीर विषय पर मत चुको चौहान...

हालांकि अभी भी भाजपा नेतृत्व के पास हसदेव नदी से सीधे निगम क्षेत्र के लोगों को डेंगुर नाले से बालको द्वारा प्रवाहित किए जा रहे विषैले पानी को पिलाकर जनजीवन के जीवन और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किए जाने का गंभीर विषय सामने है और सबसे बड़ी बात यह है कि इस विषय पर अभी तक कोई खुलकर विरोध दर्ज नहीं करा सका है। जिला भाजपा नेतृत्व अगर “नमामि गंगे” की तरह “नमामि हसदेव” जैसा वृहद आंदोलन इस अनछुए गंभीर विषय पर छेड़ती है तो कोरबा जिले में ही नहीं बल्कि जांजगीर-चाम्पा जिले तक इस आंदोलन की गूंज सुनाई देगी लेकिन ऐसा करने के लिए साहस चाहिए क्योंकि यह आंदोलन लंबा चल सकता है।


अस्थमा, न्यूकोनोसिस, कैंसर, त्वचा रोग सहित कई गंभीर बीमारियों…
जनहित के विषयों पर खुलकर अपनी बात रखने वाले निरंतर सामाजिक विषयों पर अग्र भूमिका निभाने वाले डॉ. रविकांत सिंह राठौर से प्रदूषण के दुष्प्रभाव और राख से होने वाले स्वास्थ्यगत दुष्परिणामों को लेकर कहते हैं – ” इससे अस्थमा हो सकता है। सांस से संबंधित सारी बीमारियां हो सकती हैं टीबी, निमोनिया को छोड़कर।
डॉ.रविकांत सिंह राठौर

न्यूकोनोसिस नामक बीमारी में राख के कण फेफड़े में जाकर जमा हो जाते हैं। राख के कारण कैंसर हो सकता है लंग कैंसर हो सकता है और अस्थमा जिसे है उसका अस्थमा बढ़ सकता है। प्रदूषित हवा में सांस लेने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन प्रदूषण के कारण कम पहुंचता है और खून में ऑक्सीजन कम पहुंचने से पूरे शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। अगर आदमी बीमार है और साथ में उसे शुगर बीपी है तो प्रदूषित हवा में सांस लेकर बीमारी के बढ़ने के चांस भी हैं। राख के कारण अस्थमा, न्यूकोनोसिस,  कैंसर तीन बड़ी बड़ी बीमारियां तो हो ही सकती हैं। प्रदूषण के कारण लोगों के बाल भी झड़ रहे हैं और त्वचा संबंधी रोग भी इसके दुष्प्रभाव के रूप में सामने आ रहे हैं।


जंगल से बहती हुई निर्मल-स्वच्छ केसला नदी(डेंगुर नाला) और बालको लालघाट की तक पहुंचते ही पानी का रंग और यही विषैला पानी हसदेव नदी में मिलकर निगम के नल कनेक्शनों से सीधे गर्भस्थ शिशुओं से लेकर जनमानस के स्वास्थ्य के साथ खतरनाक खिलवाड़ कर रहा है। नल से पहुंचे पानी को कुछ समय रखने पर नीचे विषैले अपशिष्ट पदार्थों का जमावड़ा हो जाता है।
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इन लिंक्स पर भी पढ़े हसदेव की बर्बादी की महागाथा…
“नमामि हसदेव”-भाग-04 : पर्यावरण दिवस पर बालको का पर्यावरण विरोधी कुकृत्य जारी रहा.. निगम क्षेत्र में कैंसर, अस्थमा, न्यूकोनोसिस सहित कई बीमारियों को खुलकर दिया जा रहा निमंत्रण.. https://veerchhattisgarh.in/?p=13153
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 “नमामि हसदेव”-भाग-03 : बालको के दर्द से सिसकती मां की पाती छत्तीसगढ़ के लाल CM भूपेश बघेल के नाम.. कोरबा जिले में भेंट-मुलाकात  आज… https://veerchhattisgarh.in/?p=12829
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 “नमामि हसदेव”..भाग-06 : जिला भाजपा की ललकार या.. कौन बनेगा मां का लाल..? https://veerchhattisgarh.in/?p=13437

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