समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने में किसी भी तरह की देरी हमारे मूल्यों के लिए हानिकारक होगी- उपराष्ट्रपति

किसी भी विदेशी संस्था को हमारी संप्रभुता और प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती- उपराष्ट्रपति

अब भारत विरोधी कहानियों के कोरियोग्राफरों को प्रभावी ढंग से अस्वीकार करने का समय आ गया है- उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने छात्रों का भारतीय होने और भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने छात्रों से भ्रष्टाचार मुक्त और सहिष्णु समाज बनाने को कहा

उपराष्ट्रपति ने आईआईटी गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और मां कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की

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उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि समान नागरिक संहिता भारत और उसके राष्ट्रवाद को अधिक प्रभावी ढंग से बांध देगी और बल देकर कहा कि “यूसीसी लागू करने में किसी तरह की और देरी हमारे मूल्यों के लिए हानिकारक होगी।

 

उपराष्ट्रपति ने आज आईआईटी गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (डीपीएसपी) ‘देश के शासन में मौलिक’ हैं और उन्हें नियमों में बदलना राज्य का कर्तव्य है। यह उल्लेख करते हुए कि पंचायत, सहकारी समितियां और शिक्षा का अधिकार जैसे नीति निर्देशक सिद्धांत पहले ही कानून में बदल चुके हैं, उन्होंने रेखांकित किया कि यह संविधान के अनुच्छेद 44 को लागू करने का समय है।

भारत की छवि को धूमिल करने के प्रयासों और “लगातार राष्ट्र-विरोधी भारत विरोधी कथा रचने वालों के प्रति आगाह करते हुए श्री धनखड़ ने जोर देकर कहा, “यह सही समय है कि भारत-विरोधी कथा के कोरियोग्राफरों को प्रभावी ढंग से अस्वीकार कर दिया जाए।

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