बोरेबासी : मंत्री से लेकर संतरी बूड़े लेकिन कोरबा में मुख्यमंत्री के निर्देश को चिमनी के धुएं में उड़ा दिया मुख्यमंत्री के ही विभाग ने..!!
छत्तीसगढ़िया गौरव से जुड़े बोरेबासी दिवस को लेकर छत्तीसगढ़ में मंत्री से लेकर संतरी तक बोरेबासी में आकंठ बूड़े और बूड़कर चटनी,गोंदली,साग की नईया की पतवार में तर गए लेकिन छत्तीसगढ़ का एक विभाग ऐसा भी जो किनारे बैठ मुख्यमंत्री के आग्रह की अवहेलना करता रहा।
कोरबा। बोरे बासी का नाम मुंह में आते ही छत्तीसगढ़ के लोगों के मन में बोरे बासी के साथ आम की चटनी, गोंदली, अथान की चटकी, भॉजी साग, दही और बड़ी-बिजौड़ी की सौधी-सौधी खुशबू से मन आनंदित हो जाता है। बोरेबासी जो पिज्जा, बर्गर से भी अधिक विटामिनयुक्त है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल जिनके कारण छत्तीसगढ़ की संस्कृति को एक नई पहचान मिली है, उन्होंने 1 मई श्रमिक दिवस को पूरा छत्तीसगढ़ बोरे बासी के रूप में मनाने की घोषणा विगत वर्ष की थी।बोरे बासी उत्सव का यह दूसरा वर्ष है।
छत्तीसगढ़ में पहली बार वर्ष 2022 में एक मई मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप में मनाया गया। पहले वर्ष ही बोरे बासी दिवस को राज्य के हर वर्ग ने अपने मन से मनाया था। इस वर्ष भी समूचे छत्तीसगढ़ में बोरे बासी दिवस को आम व्यक्ति के सम्मान में उत्साहपूर्वक मनाया गया है।
बोरे बासी दिवस की महत्ता और बढ़ जाती है जब मजदूर दिवस के दिन राज्य के हर वर्ग, मजदूर से लेकर व्यापारी, कोटवार से लेकर कलेक्टर और पंच से लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं इस पौष्टिक भोजन को खाने एक साथ बैठ जाते है।
कोरबा में एसईसीएल, एनटीपीसी, बालको, लैंको सहित अनेक औद्योगिक संस्थान कार्यरत हैं लेकिन बोरेबासी उत्सव को लेकर इनमें कोई विशेष उत्साह दिखाई नहीं दिया जबकि इन्हीं संस्थाओं में बोरेबासी संस्कृति से जुड़े सर्वाधिक कर्मचारियों, अधिकारियों की फौज कार्यरत है।
बोरेबासी दिवस को लेकर लगभग समूचा छत्तीसगढ़ उत्साह में आकंठ डूबा रहा लेकिन छत्तीसगढ़ का ऊर्जा विभाग जिसका प्रभार स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास है, बोरेबासी दिवस को लेकर कोई उत्साह सामने नहीं आया।
छत्तीसगढ़िया गौरव से जुड़े बोरेबासी को लेकर सीएसईबी प्रबंधन में रौरव वर्जना की स्थिति है। कोरबा में सीएसईबी की अनेक इकाइयां प्रचालन में है लेकिन किसी भी ईकाई में बोरेबासी दिवस को लेकर प्रबंधन द्वारा कोई कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाना एक प्रकार से प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश की सीधी तौर पर अवहेलना करने जैसा है।
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उल्लेखनीय है कि कोरबा के सीएसईबी संयंत्रों ईस्ट, वेस्ट, डीएसपीएम में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों में सर्वाधिक सहभागिता छत्तीसगढ़ की माटी से जुड़े लोगों स्थानीय लोगों की ही है और ऐसे संस्थान में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की उपेक्षा जिले में चर्चा का विषय है।
पड़ोसी जिले के मड़वा प्लांट में भी मुख्यमंत्री के निर्देश की अवहेलना
अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत गृह, जांजगीर-चांपा में श्रमिक दिवस पर कामगारों को उनके अधिकार एवं कर्तव्य के प्रति जागरूक करने के लिए अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया गया, सदा की तरह ही सदाबहार भाषण दिए गए, अनुशासन में रहकर काम करने की बातें की गई, बिजली उत्पादन को लेकर लोगों को जागरूक किया गया, पोस्टर एवं नारा प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया, सुमधुर गीतों की शानदार प्रस्तुति की गई और इसके साथ ही श्रमिकों के अधिकार व कर्तव्य के बारे में विस्तार से बताया लेकिन मंच पर बैठे लोग स्वयं ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश की अवहेलना करते बैठे रहे। लगभग 3-4 घंटों तक चले इस कार्यक्रम में बोरेबासी को लेकर एक शब्द किसी के मुंह से नही निकलना अद्भुत है। मुख्यमंत्री के विभाग में मुख्यमंत्री के ही निर्देश की खुलेआम अवहेलना।