सुरेंद्र किशोर : नेताओं के खोखले आरोपों से नहीं बल्कि अदालती फैसलों से मतदाताओं पर पड़ता है प्रभाव
मोरारजी देसाई के शासन काल में 3 अक्तूबर, 1977 को सी.बी.आई.ने पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया।
एक रात उन्हें हिरासत में रखा गया।
दूसरे दिन दिल्ली के चीफ मेट्रोपाॅलिटन मजिस्ट्रेट के सामने इंदिरा गांधी को पेश किया।
मजिस्टे्रट ने एजेंसी के वकील से पूछा–क्या सबूत है ?
वकील ने कहा कि सबूत एकत्र किया जा रहा है।
मजिस्ट्रेट ने इंदिरा गांधी को तुरंत रिहा कर देने का ओदश दे दिया।
……………………….
अन्य बातों के साथ-साथ इस गिरफ्तारी का भी राजनीतिक तथा चुनावी लाभ सन 1980 में इंदिरा गांधी को मिल गया।वह दुबारा सत्ता में आ गईं।
…………………………….
2013 में पहली बार लालू प्रसाद को रांची की अदालत ने चारा घोटाले में सजा सुनाई।
तब रांची में मौजूद राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने मीडिया से कहा कि इस सजा से सहानुभूति की जो लहर लालू जी के पक्ष में पैदा होगी,उसके कारण 2014 के लोक सभा चुनाव में हम बिहार की सभी 40 सीटें जीत जाएंगे।
………………….
परिणाम
…………..
सन 2014 के लोक सभा चुनाव में राजद को बिहार में सिर्फ चार सीटें ही मिलीं।
………………………..
1987-89 में वी.पी.सिंह ने बोफोर्स तोप खरीद में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया।
खरीद में दलाली के पैसे किस बैंक खाता (स्विस बैंक)में जमा हैं,उसका नंबर वी.पी.सिंह ने जग जाहिर कर दिया था।
उधर इटालियन दलाल क्वात्रोचि का बचाव करते हुए प्रधान मंत्री राजीव गांधी लगातार यह झूठ कहते रहे कि कोई दलाली नहीं ली गई।फिर भी जनता ने राजीव को दोषी माना और सन 1989 के चुनाव में कांग्रेस केंद्र से सत्ताच्युत हो गई।
बाद में एक दलाल के फ्लैट को आयकर महकमे ने जब्त भी किया ।उससे पहले आयकर न्यायाधीकरण ने कहा था कि दलाली के पैसे पर आयकर बनता है।
…………………………
राहुल गांधी ने सन 2019 के लोस चुनाव से ठीक पहले राफेल खरीद को बड़ा मुद्दा बना कर उठाया।
उस राफेल विवाद का सन 2019 के लोक सभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की राजनीति पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा।
पहले से अधिक बहुमत के साथ मोदी सत्ता में आ गए।
क्योंकि राफेल खरीद में किसी घोटाले का सबूत राहुल के पास नहीं था।
…………………………..
इन दिनों राहुल गांधी, कांग्रेस तथा उनके समर्थक बुद्धिजीवी यह उम्मीद कर रहे हैं कि अदाणी मामला, बोफोर्स मामले की तरह ही चमत्कार करेगा।
…………………..
क्या ऐसा हो सकेगा ?
हां,जरूर होगा।
लेकिन एक शर्त है ।
कांग्रेस 2024 के चुनाव से पहले यह साबित कर दे कि
अदाणी के नाजायज पैसे नरेंद्र मोदी के निजी बैंक खाते में गए हैं।
क्या कांग्रेस यह साबित कर पाएगी ?
यह काम फिलहाल तो असंभव ही लगता है।
………………………
दरअसल नेता एक दूसरे पर घोटाले को लेकर जो आरोप-प्रत्यारोप करते रहते हैं,उसका कम ही असर मतदताओं पर पड़ता है।
लेकिन यदि कोर्ट किसी नेता को सजा दे देती है या कोई ठोस सबूत प्रकट हो जाता है तो अधिकतर जनता उन आरोपों को सही मान लेती है–जनता कहती है कि कुछ गड़बड़ था तभी तो कोर्ट से सजा हुई है।
*जिले में सबसे कम कीमत पर हाई विज़न कैमरे*
*HDCamera* *wifi camera*
contact – 9907999079
सुनालिया चौक, कोरबा (छ.ग.)
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर CCTV, मोबाइल खरीदी पर आकर्षक उपहार पाएं।
https://www.youtube.com/
https://fb.watch/jkntNOQ8yD/
