देवेंद्र सिकरवार : क्यों पार्वती का ध्यान न तो असुरों की वीरता आकर्षित कर सकी और न देवों का वैभव..!

संसार में एक से बढ़कर एक दैवीय व्यक्तित्व हुये जिनके जन्मदिन जयंतियों के रूप में या उनके जीवन की घटनाओं

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सुरेंद्र किशोर : सन 1984 की एक उक्ति जो आज अधिक प्रासंगिक है..ध्यान रहे यह उक्ति किसी ‘संघी’ की नहीं है

सन 1984 की एक उक्ति जो आज अधिक प्रासंगिक है ————————- (ध्यान रहे यह उक्ति किसी ‘संघी’ की नहीं है।)

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पंकज कुमार झा : बौद्धिक बेइमानी.. 80 करोड़ भूखे लोगों की बात उस समूह से जिनका जीवन इस रोल मॉडल की बात करते बीत गया

हम सभी जानते हैं कि मोदीजी की सरकार देश के 81.35 करोड़ लोगों को बिना नागा हर महीने निःशुल्क अनाज

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