कमलकांत त्रिपाठी : तुलसी का रूढ़िवाद: शूद्र और नारी के प्रति तुलसी की संकुचित दृष्टि का यथार्थ..(दो)

रामचरितमानस एक प्रबंधकाव्य है जिसके नायक दशरथनंदन राम हैं और खलनायक है रावण। नायक-खलनायक के अतिरिक्त इसमें अनेक पात्र हैं

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कमलकांत त्रिपाठी : रामकथा को लेकर कुछ प्रचलित भ्रांतियाँ.. रावण का व्यक्तित्व.. राक्षस कोई नस्ल नहीं थी…

रावण पुलस्त्य ऋषि (सप्तर्षियों में एक) का पौत्र और एक अन्य ऋषि विश्रवा का पुत्र था। उसकी माँ कैकशी असुर

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ध्रुव कुमार : योग- एक रहस्य.. नींद में ऐसे होता है योग…

आमतौर पर कुछ लोग योग को केवल व्यायाम मान लेते हैं। वैसे इसमें कोई बुराई नही है। योग हमारे शरीर

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डॉ. चंद्रप्रकाश सिंह : बुद्धि उस रथ की सारथी है…

उपनिषद के अत्यंत प्रेरक मंत्रों में एक मंत्र रथ-रथी रूपक के रूप में कठोपनिषद में प्राप्त होता है, जो साधना

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संस्कृत का उच्चारण अर्थात चलते फिरते योग साधना..

साँसो से बनी एवं स्वयं से कृत भाषा संस्कृत वाचन से योग का जीवनकाल में महत्व * संस्कृत बोलना अर्थात्

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प्रसिद्ध पातकी : …फिर तो आचार्य ने अपने शिष्य के चरण छुए

गुरु गोष्ठीपूर्ण ने जब अपने शिष्य को मंत्र दिया तो ताकीद की कि यह परम रहस्यमय मंत्र है. साक्षात् बैकुंठ

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अध्यात्म से विज्ञान की खोज : इसलिए राम ‘राम’ हुए…

शिव तो आदिदेव हैं, उनकी पूजा समझ आती है। कृष्ण ने अनगिनत चमत्कार दिखाए, गीताज्ञान दिया, उनकी आराधना ठीक लगती

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देवांशु झा : एक ही प्रबोधिनी शक्ति जागृत रही…

हनुमान चालीसा वारित – सौमित्र – भल्लपति – अगणित – मल्ल – रोध, गर्ज्जित – प्रलयाब्धि – क्षुब्ध हनुमत् –

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हरीश चंद्र शर्मा : मुहूर्त देखकर शुभ कार्य करें या बिना मुहूर्त के..?

क्या मुहूर्त देखकर कोई शुभ कार्य करना चाहिए या बिना मुहूर्त के ही करना चाहिए इसका सटीक और सही जवाब

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एस्ट्रो राजेंद्र शर्मा : श्रीहरि विष्णु के नृसिंह अवतार का स्वागत दारु-मांस से.. जीवहत्या से संतान के जीवन में आती है ये बाधाएं.. ग्रह देंगे ऐसे प्रतिफल..

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त भारत के सबसे बड़े बनारस हिंदू विश्व विद्यालय से हस्तरेखा शास्त्र में PHD कर चुके पंडित

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किसी भी बीमारी को नष्ट करने में असरकारक है यह नाम त्रय अस्त्र मंत्र!

विष्णु भगवान के तीन नामों को महारोगनाशक अस्त्र कहा गया है। अर्थात् इस तीन नाम के जप से कैंसर, किडनी,

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स्वामी सूर्यदेव : यजुर्वेद में तस्करों को नमन जघन्य को नमन..?

आप कहेंगे ये तो उचित नहीं,, चोर डाकू व्यभिचारी बलात्कारी देशद्रोही शत्रु को कोई कैसे नमस्ते करे?? देखते ही उनका

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एस्ट्रो निशांत : मुर्गा खाने से ये ग्रह देतें हैं अशुभ फल.. तब आप कुत्ते का मांस खाएंगे…

प्राचीन वैदिक काल में रात और दिन के समय का आंकलन करने के लिए प्रकृति का सहारा लिया जाता था।

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