वैदिक मान्यताएँ : ईश्वर व ईश्वर का स्वरूप (भाग 2)

वह परमपुरुष बिना शरीर के, बिना इन्द्रियों के ऐसे काम करता है मानो उसके असंख्य सिर हों, असंख्य आँखें हों

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वेदों में सूर्यदेव का आह्वान..

वैदिक वाङ्मय सूर्यदेवता के महात्म्य, उनकी विश्व संचालन में चेतनात्मक भूमिका तथा सूर्योपासना के लाभों के विवरणों से भरा पड़ा

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ईश्वर की सत्ता के प्रमाण – 03

सृष्टि की रचना के लिये प्रवृत्ति (चेष्टा, इच्छा, संकल्प) की आवश्यकता होती है जो जड़ प्रकृति में नहीं है। उदाहरणार्थ

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वैदिक मान्यताएं

द्वा सुपर्णा सयुजा सखाया समानं वृक्षं परि षस्वजाते। तयोरन्य: पिप्पलं स्वाद्वत्तयनश्ननन्यो अभिचाकशीति ।। — ऋग्वेद 1.164.20 दो पक्षी, सुन्दर पंखों

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वेदों में पितरों का आह्वान : समृद्ध, सरल जीवन के लिए ये करें पितृ पक्ष में..

इस बार पितृ पक्ष 16 द‍िन की अवधि में 2 सितंबर से17 सितंबर तक है। इसमें सनातन धर्म के लोग

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वेदों में नारी – गुरु, शिष्य, माता, योद्धा, राजा, सम्राट और क्या क्या ?

वेद नारी को अत्यंत महत्वपूर्ण, गरिमामय, उच्च स्थान प्रदान करते हैं। वेदों में स्त्रियों की शिक्षा- दीक्षा, शील, गुण, कर्तव्य,

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