सुरेंद्र किशोर : 8 नवंबर 2016 की नोटबंदी के समर्थन में आम लोगों ने 2017 में UP की सत्ता BJP को सौंपी

सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को सही ठहराया

‘‘नोट बंदी से उच्च और मध्य वर्ग का भ्रष्टाचार सामने आ गया था’’
— इकोनोमिक एंड पाॅलिटिकल वीकली

Veerchhattisgarh

नरेंद्र मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोट को चलन से बाहर कर दिया।
आज सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी।
पर,आम लोगों ने तो नोटबंदी के तत्काल बाद ही उसका समर्थन कर दिया था।
2017 में उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में जनता ने भाजपा को सत्ता में ला दिया।
उससे ठीक पहले और नोटबंदी के तत्काल बाद हुए अनेक उप चुनावों में भी भाजपा की जीत हुई।

-लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।

किंतु पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने तब कहा था कि ‘‘नोटबंदी संगठित लूट है।’’
याद रहे कि काला धन,कर चोरी और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई तहत प्रधान मंत्री मोदी ने नोटबंदी की थी।
राहुल गांधी ने तब कहा कि नोटबंदी से गरीब तबाह हो गए हैं।
राहुल ने यह भी कहा कि नोटबंदी से 99 प्रतिशत ईमानदार जनता पर बमबारी हुई है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इसे तुगलकी फैसला बताया।
पूर्व वित मंत्री पी.चिदम्बरम ने कहा कि नोटबंदी बड़ा घोटाला है।
शिवसेना के मुख पत्र ‘सामना’ ने लिख मारा कि नोटबंदी देश पर परमाणु बम गिराने जैसा है।
शिवसेना ने कहा कि 10 हजार साल में सबसे बदतर सरकार नरेंद्र मोदी की मौजूदा सरकार है।
शरद यादव ने जहां नोटबंदी का विरोध किया,वहीं मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने नोटबंदी का समर्थन किया।तब नीतीश महागठबंधन सरकार के मुख्य मंत्री थे।


दूसरी ओर, नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ‘‘काले धन के पुजारी नोटबंदी के खिलाफ हैं।काला धन गरीबी हटाने में सबसे बड़ी बाधा है।बेईमानों के बारे सीधे जानकारी मिल रही है।’’
नवंबर, 2016 के मध्य में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार 82 प्रतिशत लोगों की नजर में नोटबंदी का फैसला सही था।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि प्रधान मंत्री ने एक रात में ही भ्रष्ट तरीके से कमाए कांग्रेस के 12 लाख करोड़ रुपए को रद्दी में बदल दिया।
इकोनोमिक एंड पाॅलिटिकल वीकली के संपादक परंजाॅय गुहा ठकुरता ने लिखा कि नोटबंदी से उच्च और मध्य वर्ग का भ्रष्टाचार सामने आ गया है।
उन दिनों यह आम चर्चा थी कि जिस नेता या दल के पास अधिक काला धन है,वह उतनी ही कठोरता से नोटबंदी का विरोध कर रहा है।
दूसरी ओर, रांची से खबर आई थी कि नक्सलियों के खातों में 55 करोड़ रुपए पाए गए।
कश्मीर में पत्थरबाजों की संख्या कम हुई।
केंद्र सरकार ने उम्मीद जताई कि नोटबंदी से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और दाऊद इब्राहिम का जाल टूटेगा।
मायावती और मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यह आर्थिक आपातकाल है।
नोटबंदी का विरोध करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार जनता को भिखारी बना रही है।
मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि बुद्धिजीवी कहते हैं कि काले धन का अर्थ शास्त्र बहुत मजबूत होता हैं
कई बार यह मंदी में बचाने के काम भी आता है।
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ऊपर वर्णित टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में सुप्रीम कोर्ट  के फैसले को पढ़ें !
( चित्र में- प्रधान मंत्री की 96 वर्षीया मां हीराबेन ने बैंक में लाइन लगकर अपने नोट बदलवाए थे।)

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