बॉयकॉट के बीच ‘कार्तिकेय-2’…  6 करोड़ के बजट में बने कंटेंट ने दर्शकों से 20 करोड़ वसूले…

वर्तमान परिवेश में हिंदुस्तान की भावनाओं का उफान समझकर उसी के हिसाब से बन रहे दक्षिण भारतीय सिनेमा में भले इन दिनों फिल्में बनाने के बजट को लेकर तगड़ी बहस चल रही हो, लेकिन वहां की फिल्मों की तरफ हिंदी पट्टी के दर्शक अब भी आशा भरी नजरें लगाए रहते हैं।

लाल सिंह और रक्षाबंधन के बॉयकॉट के बीच तेलुगु कंटेंट ‘कार्तिकेय-2’ ने ध्यान खींचा। तेलुगु कंटेंट 12 अगस्त 2022 से दर्शकों के बीच है। इसे पैन इंडिया रिलीज किया गया है। 
लेखक निर्देशक चंदू मोंडती को कंटेंट की थीम तुनी के पास तालुपुलम्मा थल्ली नामक एक लोकप्रिय मंदिर से मिली। इससे जुड़ी एक घटना ने रहस्यमय व थ्रिलर कहानी दे डाली। मंदिर शाम 7 बजे बंद हो जाता है और उसके बाद कोई भी मंदिर के पास जाने की हिम्मत नहीं करता है। कोई चोरी-छुपे कोशिश करता है, लापता हो जाता है। ऐसे ही असल घटनाक्रम ने निर्देशक को प्रेरणा दी।
इसकी पहली कड़ी कार्तिकेय सफल रही, 2014 में रिलीज हुई थी। 6 करोड़ के बजट में बने कंटेंट ने दर्शकों से 20 करोड़ वसूले थे। वर्ड ऑफ माउथ भी पॉजिटिव मिला। 8 साल बाद चंदू पुनः रहस्यमय माहौल बनाने आ रहे है।
फ़िल्म का पोस्टर कतई अट्रेक्टिव है। श्रीकृष्ण और नाग उपस्थिति थ्रिल बढ़ा रही है। 
सोचनीय प्रश्न है, बॉयकॉट ने इस कंटेंट को अच्छा हाई-अप दिलवा दिया है। हैशटैग बॉयकॉट में फ़िल्म का पोस्टर पड़ा हुआ और इसे पूरा समर्थन मिल रहा है। फ़र्क कंटेंट के परिवेश है।
-ओम लवानिया ‘प्रोफेसर’
‘कार्तिकेय 2’ थ्रिलर और मिस्ट्री के साथ-साथ इतिहास और संस्कृति से जुड़ी हुई फिल्म है। ये फिल्म सालों से समुद्र में डूबी भगवान श्री कृष्ण की नगरी द्वारका के रहस्यों को आज के युग के सामने रखने वाली फ़िल्म है।

‘बाहुबली’ सीरीज की फिल्मों के बाद ‘आरआरआर’ की कामयाबी ने अतीत की कहानियों को भारतीय संस्कृति की खुशबू के साथ परोसने का एक नया दौर शुरू किया है और इसी दौर की नई तेलुगू फिल्म है, ‘कार्तिकेय 2’। ये फिल्म अपनी मूल भाषा के साथ ही तमिल, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी में भी रिलीज हुई है।

कृष्णा इज ट्रुथ यानी कृष्ण ही सत्य है, को फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ ने अपना आधार बनाया है। फिल्म की कहानी डॉक्टर कार्तिक से शुरू होती है जिसे हॉस्पिटल से एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है तो वह अपनी मां के साथ द्वारकापुरी घूमने आता है। वहां कुछ लोग उसके जान के पीछे पड़ जाते है, लेकिन उसको समझ में नहीं आता है कि क्यों ये लोग उसे मरना चाहते है? तभी उसे द्वारका के एक रहस्य के बारे में पता चलता है जिसकी खोज में वह वृन्दावन से होता हुआ हिमालय पहुंचता है। यहां उसकी मुलाकात धन्वन्तरि से होती है, जो कृष्ण के स्वरूप और उनके कार्यों को बताते है। इस खोज में उसकी मदद करने के लिए कहानी के बाकी किरदार आगे आते हैं। फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ के माध्यम से हिन्दू धर्म की सनातन परंपरा को दिखाया गया है जिसने पश्चिमी सभ्यता को बहुत कुछ दिया है और अब भी दे रही है।
कार्तिकेय 2′  दरअसल साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म ‘कार्तिकेय’ का सीक्वल है। डॉक्टर कार्तिक भगवान कृष्ण का कड़ा हासिल करके आता है और दुनिया को उसके फायदे बताता है कि किस तरह से आगे आने वाली महामारी को उस कड़े से रोका जा सकता है। यहां इस फिल्म की कहानी खत्म होती है और आगे की कहानी का क्लू छोड़ देती है। इससे समझ में आता है कि इस फिल्म का पार्ट 3 भी बनेगा। फिल्म में कृष्ण का किरदार ग्राफिक्स के जरिये पेश किया गया है। फिल्म में कृष्ण को लेकर तमाम खुलासे हैं।
फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ में सनातन धर्म को विज्ञान से जोड़कर दिखया गया है। साथ में ये भी बताने की कोशिश की गई है कि आज के युग में भी कृष्ण हमारे लिए कितने उपयोगी है।

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